उत्तराखंड के हर बेहतर व संसाधनयुक्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेज को सरकार सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध करने की तैयारी कर रही है। अटल उत्कृष्ट स्कूल के दूसरे चरण में इसे अंजाम दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि सीबीएसई बोर्ड की राष्ट्रीय स्तर पर अलग महत्व-स्वीकार्यता के चलते यह व्यवस्था छात्र हित में होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसके लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दे दिए हैं। सरकार ऐसी व्यवस्था करना चाहती है, जिससे कोई भी सरकारी हाईस्कूल-इंटर कॉलेज जैसे ही सीबीएसई के मानक पूरे कर ले, उसे सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध करने की प्रक्रिया स्वत:शुरू कर दी जाए। इसके लिए अलग से आदेश करने अथवा कैबिनेट से अनुमति न लेनी पड़े। पांडे ने कहा,सरकार राज्य के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार करना चाहती है। इसके लिए सीबीएसई बेहतर माध्यम है। राज्य के स्कूल व सीबीएसई का सिलेबस समान ही है इसलिए ज्यादा समस्या नहीं होगी। 189 स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूल के माध्यम से सीबीएसई से जोड़ा गया है। अगले चरण में इसे और व्यापक बनाया जाएगा।
उत्तराखंड बोर्ड का भविष्य खतरे में !
अटल उत्कृष्ट स्कूल बनने से राज्य में माध्यमिक स्तर पर दोहरी व्यवस्था बन चुकी है। 189 स्कूल अब सीधे सीबीएसई से संबद्ध हो चुके हैं। इनके बाद बाकी बचे करीब 2200 स्कूल उत्तराखंड बोर्ड के अधीन हैं। भविष्य में अधिकांश स्कूलों के सीबीएसई से संबद्ध होने पर उत्तराखंड बोर्ड का औचित्य ही खत्म हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि इससे दूरगामी परिणाम होंगे। सीबीएसई हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर बोर्ड हैं लेकिन उत्तराखंड बोर्ड राज्य की अपनी पहचान है। सीबीएसई को तरजीह देने के बजाए उत्तराखंड बोर्ड को ही बेहतर करने का प्रयास भी होना चाहिए।