300 बेड कोविड अस्पताल में गुरुवार की रात जमकर बवाल हुआ। यहां भर्ती मरीज के तीमारदार और स्टाफ के फार्मासिस्ट में विवाद के बाद मारपीट हो गई। हंगामे की सूचना पर पहुंंची पुलिस ने स्टाफ के ही एक कर्मचारी को पकड़ लिया। इससे अस्पताल के कर्मचारी भड़क गए और पुलिस की कार्रवाई का विरोध कर दिया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वहां पहुंचे। स्टाफ ने काम रोक दिया और पूरे अस्पताल में अफरातफरी मची रही। बाद में पुलिस ने लिखित शिकायत देने पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तो स्टाफ माना और काम शुरू हुआ।
कोविड अस्पताल में भर्ती एक संक्रमित की हालत नाजुक थी और डाक्टर उसे हायर सेंटर रेफर कर रहे थे। इसके लिए तीमारदार तैयार नहीं थे। इसी बात पर फार्मासिस्ट चर्चित वर्मा का तीमारदार से विवाद हो गया। आरोप है कि संक्रमित के घरवालों ने चर्चित के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसकी अंगुली से खून निकलने लगा। यह देख स्टाफ जुट गया और तीमारदारों से झगड़ा होने लगा। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों को समझाकर शांत करा रही थी कि इसी बीच एक संक्रमित की मौत हो गई। उसके परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए भड़क गए और फिर विवाद शुरू हो गया। मृतक के परिजनों ने स्टाफ के दो कर्मचारियों के साथ मारपीट की। उनको धक्का दे दिया। वार्ड में अफरातफरी मच गई। बवाल बढ़ने लगा और पुलिस से स्टाफ दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगा। स्टाफ ने चेतावनी दी कि मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो काम नहीं करेंगे।
स्टाफ को गाड़ी में बैठाया तो भड़के कर्मचारी
अस्पताल में विवाद के बीच गेट के पास भी झगड़ा होने लगा। पुलिस वहां पहुंची और स्टाफ के ही एक कर्मचारी को पकड़ लिया। पुलिस ने उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया और बारादरी थाने ले जाने लगी। यह देख स्टाफ गुस्से में आ गया और अस्पताल में हंगामा करते हुए काम बंद कर दिया। स्टाफ ने पुलिस टीम को घेर लिया और कर्मचारी को जबरन छुड़ा लिया।
स्टाफ गुस्साया, अब पुलिस करेगी इलाज
कोविड अस्पताल में पहुंची पुलिस की कार्रवाई से स्टाफ खासा नाराज हो गया और वार्ड से बाहर निकल आया। आईसीयू की सीढ़ियों पर स्टाफ बैठ गया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्टाफ गुस्से में आ गया और कहने लगा कि अब पुलिस ही इलाज करेगी। स्टाफ ने कहा कि अब पुुलिस स्टाफ का काम करेगी और संक्रमितों को इंजेक्शन लगाएगी। जब तक स्टाफ के साथ मारपीट करने वालों पर कार्रवाई नहीं होती, अस्पताल में काम नहीं होगा।
अफसरों को मिली सूचना तो सुलझा विवाद
अस्पताल में बवाल की सूचना सीएमओ डा. एसके गर्ग, एसीएमओ डा. आरएन गिरी और सीएमएस डा. वागीश वैश्य को दी गई। एसीएमओ डा. आरएन गिरी ने स्टाफ से बातचीत की और समझाकर शांत कराया। साथ ही आश्वासन दिया कि स्टाफ के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दर्ज कराई जाएगी। तब जाकर स्टाफ शांत हुआ और करीब एक घंटे तक चला बवाल खत्म हुआ।