सीरिया में बाहरी तत्वों के दखल पर चिंता जताते हुए भारत ने कहा कि वह संघर्ष ग्रस्त देश में दीर्घकालीन सुरक्षा और स्थिरता लाने के लिए सीरिया की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीरियाई मानवीय प्रस्ताव को स्वीकार करने संबंधी भारत के वोट पर स्पष्टीकरण देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत का दृढ़ता से यह मानना है कि इस क्षेत्र में दीर्घकालीन सुरक्षा एवं स्थिरता सीरिया की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करके ही हासिल की जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘हम सीरिया में बाहरी तत्वों के दखल से काफी चिंतित हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है। हम इस बात से संतुष्ट है कि सीरियाई संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हैं और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2254 के अनुसार सीरिया के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।’
तिरुमूर्ति ने कहा कि एक दशक से हो रही हिंसा और आतंक ने सीरियाई लोगों की जिंदगियों पर विध्वंसकारी असर डाला है। उन्होंने कहा कि भारत बिना किसी भेदभाव, राजनीतिकरण और पूर्व शर्तों के सभी सीरियाई नागरिकों को मानवीय सहायता देने की मांग करता रहा है। उन्होंने कहा कि सीरिया में 1.3 करोड़ से अधिक लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है।