कोरोना की दूसरी लहर में 40 फीसदी से अधिक मौत ज्यादा हुई है। साथ ही पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में बीमारी मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला है। यह बातें मैक्स हेल्थकेयर के दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर भारत के दस अस्पतालों के सर्वेक्षण में सामने आई है।
इस सर्वेक्षण के रिपोर्ट के अनुसार पहली लहर में 14398 और दूसरी लहर में 5454 भर्ती मरीजों पर यह अध्ययन किया गया। रिपोर्ट के अनुसार पहली लहर में 1039 मरीजों की मौत हुई थी। मौत का फीसद 7.2 रहा था। जबकि दूसरी लहर में मौत का यह फीसद बढ़कर 10.5 फीसदी हो गया। यानी 40 फीसदी मौत अधिक रही। दूसरी लहर में 45 साल से कम उम्र वाले मरीजों की मौत की संख्या में भी इजाफा देखने को मिला।
इस रिपोर्ट के अनुसार पहली लहर में 54.8 फीसदी मरीज पुरानी बीमारियों से और दूसरी लहर में 59.7 मरीज ग्रसित थे। जिसमें 40 फीसदी मरीजों को मधुमेह व उच्च रक्तचाप और 13 फीसदी किडनी की बीमारी थी। पहली लहर में जहां 63.4 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी थी तो दूसरी लहर में यह फीसद बढ़कर 74.1 फीसदी हो गया। साथ ही मरीज के अस्पताल में 5 से 9 दिन के बीच रहने के फीसदी में भी वृद्धि हुई। पहली लहर में यह दर 52.0 फीसदी और दूसरी लहर में यह दर 54.6 फीसदी हो गई। इसके अलावा पहली लहर में 11 फीसदी और दूसरी लहर में 28 फीसदी मरीजों में बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण हुआ। पहली लहल में ब्लैग फंगस के 10 मरीज मिले थे तो दूसरी लहर में इनकी संख्या बढ़कर 169 हो गई।