संभागीय परिवहन विभाग में गुरुवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह कार्यक्रम में बखेड़ा खड़ा हो गया। कार्यक्रम के बीच ही वहां मौजूद एक बाहरी व्यक्ति ने माइक लेकर विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया। इसके बाद तो ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने विरोध कर हंगामा कर दिया। वहां मौजूद शहर विधायक समेत अधिकारियों ने उन्हें शांत करा दिया। इस दौरान मौजूद सभी लोगों को सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत शपथ दिलाई गई।
बता दें कि गुरुवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत संभागीय परिवहन विभाग के परिसर से की गई। सड़क सुरक्षा सप्ताह 22 जुलाई से 28 जुलाई तक चलेगा। यह कार्यक्रम शासन की तरफ से जारी किए गए आदेश के तहत सड़क दुर्धटनाओं में 10 प्रतिशत की कमी लाए जाने के लिए किया गया था। इसको लेकर ही वाहन चालकों को सुड़क सुरक्षा सप्ताह के नियमों के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत शहर विधायक ने सड़क सुरक्षा रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। दरअसल हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब वहां मौजूद बाहरी व्यक्ति ने माइक पकड़ लिया और लाइसेंस बनवाने के लिए तीन-तीन महीने का समय लगने की बात कही। उससे माइक छीना गया तो व्यक्ति ने वहां हंगामा शुरू कर दिया। विवाद बढ़ने पर उसको मंच से उतारा गया। उस बाहरी व्यक्ति के माइक पकड़ने पर बरेली ट्रक ऑनर्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने विरोध कर दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष शोभित सक्सेना ने कहा कि जब दलालों को ही मीटिंग में बुलाना था तो हम लोगों को क्यों बुलाया गया है। एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत सिंह सहित कई लोग मौजूद थे।
नहीं हुआ कोविड नियमों का पालन
सड़क सुरक्षा सप्ताह के लिए शासन की तरफ से जारी की गाइड लाइन के तहत लोगों को सड़क नियमों व कोविड-19 नियमों के प्रति जागरूक करना है। लेकिन गुरुवार को आरटीओ परिसर में ही कोविड-19 नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई। बता दें कि कार्यक्रम ऐसा तब हुआ जब कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शहर विधायक डॉ. अरुण कुमार, विशिष्ट अतिथि राम मोहन सिंह एसपी ट्रैफिक समेत आरटीओ के तमाम अधिकारी मौजूद थे।