मुंबई: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद, बाजार विश्लेषकों ने मंगलवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत की भविष्यवाणी की है. वहीं, निवेशकों की नजर वैश्विक संकेतों पर भी है. साथ ही व्यापक आर्थिक आंकड़ों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) की चाल, डॉलर के खिलाफ रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी. सोमवार को होली के अवसर पर बाजार बंद होंगे.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी 15 साल बाद सत्ता में आई है और कांग्रेस को पंजाब में जीत मिली है. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि उप्र में भारतीय जनता पार्टी की जीत का सर्वाधिक राजनीतिक महत्व है, जो घरेलू बाजारों में सकारात्मक भावना पैदा करेगा.
कोटक सिक्युरिटी के करेंसी डेरिवेटिव्स के उपाध्यक्ष अनिंद्य बनर्जी ने कहा, “इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि यह बीजेपी की भारी जीत है, शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत होगी. उप्र एक अनूठा राज्य है और राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. यह सरकार के लिए राजनीतिक रूप से काफी मददगार होगा और शेयर बाजारों के लिए काफी सकारात्मक होगा.”
ट्रेडबुल्स के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव देसाई ने विधानसभा चुनाव के परिणाम, खासकर उप्र चुनाव परिणामों के बाद शेयर बाजारों में तेजी आने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के जनादेश के साथ सरकार सभी क्षेत्रों में सुधार का काम आगे बढ़ाएगी, जिससे अगले सात सालों में देश में संरचनात्मक बदलाव आएगा.”
इस सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों पर भी नजर रहेगी, क्योंकि वे महीने के बीच में तेल की कीमतों की समीक्षा करेंगी. तेल कंपनियां महीने के बीच में और अंत में हर पखवाड़े कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के आधार पर तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं.
वैश्विक मोर्चे पर अमेरिकी फेड रिजर्व बुधवार (15 मार्च) को ब्याज दरों पर फैसले जारी करेगा. अगर वह ब्याज दरों में बढ़ोतरी करता है तो उभरते बाजारों पर इसका नकारात्मक असर होगा, जिसमें भारत भी शामिल है. क्योंकि अधिक ब्याज की आस में वैश्विक निवेशक उन बाजारों से पूंजी निकाल कर अमेरिकी बाजारों में निवेश करने लगेंगे. क्योंकि वे जोखिम भरे बाजारों (भारत जैसे) से अपनी पूंजी निकाल कर कम जोखिम वाले बाजार (अमेरिका) में ले जाना पसंद करेंगे.
व्यापक आर्थिक आंकड़ों में सरकार सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के फरवरी के आंकड़े जारी करेगी. जनवरी में राष्ट्रीय स्तर पर सीपीआई में गिरकर 3.17 फीसदी रही थी, जबकि दिसंबर में यह 3.41 फीसदी थी. मंगलवार को सरकार फरवरी के थोक मूल्य सूचकांक (डबल्यूपीआई) के आंकड़ों को जारी करेगी. डब्ल्यूपीआई जनवरी में बढ़कर 5.3 फीसदी रही थी जबकि दिसंबर में यह 3.4 फीसदी थी.
वैश्विक बाजारों में चीन सोमवार को औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगा.