अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन और एम्बुलेंस न मिलने से बेहाल लोगों के सब्र का बांध इस कदर टूट रहा है कि वे संवेदनहीनता की सारी सीमाओं को लांघने से भी नहीं हिचक रहे हैं। बुधवार दोपहर ऐसी ही एक घटना ने शर्मसार कर दिया। बालागंज के एक अस्पताल में भर्ती मरीज को आक्सीजन न मिलने पर दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने एंबुलेंस बुलाई जिसे रास्ते में एक अन्य गंभीर मरीज के परिवारीजनों ने हाईजेक कर लिया। जबरिया एंबुलेंस को अपने घर ले गए। जिस मरीज के लिए एंबुलेंस अगवा की गई थी उसकी रास्ते में मौत हो गई और जिसे एंबुलेंस लेने जा रही थी उनकी जान इंतजार में चली गई। इस घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है।
सांस लेने में तकलीफ के कारण बालागंज निवासी गैर कोविड मरीज विनय कुमार का इलाज यूनीक अस्पताल में चल रहा था। उनके परिजनों ने बताया कि अस्पताल के पास बुधवार को ऑक्सीजन कम पड़ गई। पूरी कोशिश के बावजूद भी ऑक्सीजन नहीं मिली तो अस्पताल ने मरीज को दो घंटे में किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने की सलाह दी। इस पर विनय के रिश्तेदार संतोष ने 108 एंबुलेंस के लिए कॉल की। तमाम प्रयास के बाद उनका आवेदन दर्ज किया गया। इसके बाद एंबुलेंस यूनीक अस्पताल के लिए रवाना होने की सूचना दी गई।
लाल मस्जिद के पास हुआ एंबुलेंस पर हमला
एंबुलेंस के ड्राइवर ने संतोष को बताया कि वह कुछ ही मिनट में पहुंच जाएगा। इस बीच कैम्पवेल रोड पर लाल मस्जिद और पेट्रोल पम्प के बीच कुछ लोगों ने अचानक एंबुलेंस का रास्ता रोक लिया। बाइक से आए युवकों ने एंबुलेंस चारों ओर से घेर ली। रुकते ही चाभी छीन ली और अपनी महिला मरीज को तुरंत ऑक्सीजन लगाकर अस्पताल चलने को कहा। डरे-सहमें ड्राइवर ने ऐसा ही किया। एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि वह लोग जबरिया महिला को लेकर पहले एरा मेडिकल फिर दूसरे अस्पतालों में ले गए लेकिन कहीं भी भर्ती नहीं किया गया। तब तक एंबुलेंस के सिलिंडर की ऑक्सीजन खत्म हो गई और महिला की जान चली गई।
पहले मरीज ने भी दम तोड़ा
विनय कुमार के परिजन एंबुलेंस का इंतजार करते रहे लेकिन वो हाईजैक हो चुकी थी। इंतजार के बाद दोबारा 108 पर सूचना दी गई। 45 मिनट बाद दूसरी एंबुलेंस पहुंची। तब तक विनय कुमार की मौत हो चुकी थी।