वीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारियों से लेकर जवानों तक के लिए अहम सरकारी फरमान जारी

बिहार में मंत्री, सांसद, विधायक, न्यायाधीश, अधिकारियों समेत वीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को फिट रहना होगा। जैसे-तैसे वह अपनी ड्यूटी नहीं कर सकते। चुस्त-दुरुस्त रहने के साथ उन्हें पूरी चौकसी भी बरतनी होगी। वीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिस अफसर से लेकर जवानों तक को इसका ख्याल रखना होगा। बॉडीगार्ड और अन्य सुरक्षाकर्मियों को लेकर कुछ वीआईपी द्वारा की गई शिकायत के बाद पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है।

आईजी सुरक्षा की ओर से जिला और इकाई के एसपी को पत्र लिखा गया है। इसमें मंत्री, सांसद, विधायक, विधान पार्षद या न्यायपालिका और कार्यपालिका के पदाधिकारियों की सुरक्षा में तैनात बॉडीगार्ड और सुरक्षाकर्मियों को लेकर हिदायत दी गई है। इसके मुताबिक, पर्सनल सिक्यूरिटी अफसर (पीएसओ) या फिर सुरक्षा के अन्य दायित्वों के लिए प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों को अनुशासन, स्वच्छ आचरण और उच्च कोटि की सतर्कता बनाए रखना है। इसके लिए जरूरी है कि नियमानुसार वह वर्दी पहनें और हथियार रखें।

 ड्यूटी के दौरान उन्हें पूरी सतर्कता बरतनी है। वैसे पुलिस अफसर और जवान ही किसी की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त किए जाएंगे, जो इसके लायक होंगे। अधिकारी जांच करेंगे कि वो इस दायित्व के लायक हैं या नहीं। योग्य होने पर ही उनकी प्रतिनियुक्ति किसी वीआईपी की सुरक्षा में होगी। आईजी सुरक्षा की ओर से जारी पत्र में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सुरक्षा में प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों का औचक निरीक्षण करें। यह नियमित अंतराल पर होना चाहिए ताकि अंगरक्षक और गार्ड ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मी हमेशा सजग और तत्पर रहें।वीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को जो हथियार मुहैया कराया गया है, उसे हैंडिल करने की जानकारी उनके पास होनी जरूरी है।

जिलों से होती है ज्यादातर तैनाती
बॉडीगार्ड के तौर पर प्रतिनियुक्त ज्यादतर पुलिसकर्मी जिला पुलिस बल के होते हैं। बीएमपी या विशेष शाखा के पुलिसकर्मियों को भी यह दायित्व सौंपा जाता है। सांसद, विधायक और विधान पार्षद को तीन-तीन अंगरक्षक दिए गए हैं। वहीं पूर्व सांसद, विधायक व विधान पार्षद को एक-एक अंगरक्षक मुहैया कराने का प्रावधान है। इसके अलावा खतरे को देखते हुए कई माननीयों को जेड प्लस, जेड, एक्स और वाई श्रेणी का सुरक्षा घेरा मिला है। वहीं अधिकारियों की सुरक्षा में रैंक और तैनाती के हिसाब से पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जाती है।

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