नई दिल्ली: विश्व बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टालिना जॉर्जिविया ने सिंधु जल समझौते के क्रियान्वयन तथा नई दिल्ली द्वारा दो पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण को लेकर पाकिस्तान तथा भारत के बीच विवाद पर चर्चा के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की।
भारत चेनाब नदी पर दो पनबिजली परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान ने यह कहते हुए 850 मेगावाट की रातले तथा 330 मेगावाट की किशनगंगा पनबिजली योजनाओं पर आपत्ति जाहिर की है कि दोनों परियोजनाओं से चेनाब तथा नीलम नदी के बहाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि विश्व बैंक कोर्ट ऑफ ऑर्बिट्रेशन के जरिये विवाद का निपटारा करेगा।
दोनों देशों ने सिंधु जल समझौते के तहत विश्व बैंक में अलग-अलग प्रक्रियाएं शुरू की हैं। भारत ने विश्व बैंक से एक तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति का अनुरोध किया है, तो वहीं पाकिस्तान ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में जॉर्जिविया ने कहा कि उन्होंने साल 2011 में पाकिस्तान का दौरा किया था और देश में तब से लेकर अब तक आए सकारात्मक बदलाव से वह बेहद प्रभावित हैं।
पाकिस्तान के बुनियादी ढांचे में सुधार को देखकर उन्हें प्रसन्नता हुई। उन्होंने कहा, “विकास का लाभ उन लोगों पर केंद्रित है, जिन्हें इसकी सर्वाधिक जरूरत है।”