वाराणसी: काशी को मिलने जा रहा भव्य-दिव्य श्रीराम मंदिर

Image result for KASHI RAM MANDIR IMAGE

 

अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य-दिव्य मंदिर तो अभी कुछ इंतजार कराएगा लेकिन देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में इसका स्वरूप जल्द ही निखर कर सामने आएगा। करपात्री महाराज की तपोस्थली धर्म संघ परिसर में यह आकार पा रहा है। धर्म सम्राट के हाथों आठ दशक पहले स्थापित श्रीराम दरबार की झांकी सहेजे मंदिर को देवालय संकुल का रूप दिया जा रहा है। नए साल में 28 फरवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर इसे श्रद्धालुओं को समर्पित कर दिया जाएगा।

खास यह कि लगभग 43 हजार वर्गफीट में विस्तारित देवालय बनारसी मिजाज की तरह रामस्य ईश्वर: या राम: यस्य ईश्वर: (रामेश्वर) के अर्थ जाल से दूर खड़ा शैव -वैष्णव एका की नजीर की तरह नजर आएगा। इसमें सियाराम के साथ ही शिव- राम तो शक्ति और पंचदेव का भी दर्शन एक साथ हो जाएगा। राम दरबार के ठीक सामने विशाल मंडप के मध्य पांच फीट आकार में शिवलिंग तो दोनों ओर 151 नर्मदेश्वर शिवलिंग की कतार होगी। बगल में शिव परिवार और स्फटिक मणि का द्वादश ज्योतिर्लिंग दरबार तन-मन को शिवमय करेगा। परिक्रमा पथ पर अगले हिस्से में सूर्यदेव व काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव, पिछले हिस्से में एक ओर गणपति देव तो दूसरी तरफ मां दुर्गा अभयदान मुद्रा में कृपा बरसाएंगी। राम दरबार के बगल में ही मां अन्नपूर्णेश्वरी काशीवासियों के भरण-पोषण के लिए बाबा भोले शंकर को भिक्षादान के विधान निभाएंगी।

तंत्र मंत्र का भी जतन : अनूठे देवालय संकुल में दस महाविद्याएं यानी तंत्र साधना की दस देवियां भी पूरी दिव्यता के साथ भय-बाधाओं से मुुक्ति का आशीष बरसाएंगी। इनमें भगवती काली, तारा, श्रीविद्या, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला का दरबार सजेगा। इस लिहाज से भी यह मंदिर को अनूठा बनाएगा।

मणि मंदिर : धर्म संघ परिसर में करपात्री महाराज ने वर्ष 1940 में श्रीराम दरबार की स्थापना की थी। शिलान्यास समारोह में चारो शंकराचार्य के साथ ही तत्कालीन काशीराज महाराज विभूति नारायण सिंह ने भी भागीदारी की थी। धर्म सम्राट के शिष्य व धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकर देव चैतन्य ब्रह्मïचारी ने तीन साल पहले मंदिर को भव्य-दिव्य स्वरूप देने का संकल्प लेते हुए कार्य शुरू कराया। चुनार व जोधपुर के लाल पत्थरों से इसका निर्माण कराया तो भीतर की दीवारों को श्वेत संगमरमर और फर्श ग्रेनाइट से सजाया जा रहा है। धर्म संघ सचिव जगजीतन पांडेय के अनुसार शिवलिंगों में स्फटिक मणि के प्रयोग के कारण 11 शिखरों से युक्त देवालय संकुल को मणि मंदिर नाम दिया गया है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com