बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला मामले में जमानत के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस मामले में उनकी जमानत याचिका पर अब सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। सीबीआई की ओर से जस्टिस अपरेश कुमार सिंह ने सुनवाई के दौरान की अदालत समय की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अब इस मामले में सीबीआई को कुछ कहने की जरूरत नहीं है। हमने पिछली सुनवाई के दौरान ही ऐसी आशंका व्यक्त की थी, जो आज सच साबित हुई। पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अपनी बहस पूरी कर ली थी इसके बाद फिर से समय मांगा जाना सही नहीं है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर सीबीआई को लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करना ही था तो उनके पास जवाब दाखिल करने के लिए बहुत समय था, लेकिन उन्होंने जवाब दाखिल नहीं किया। उन्होंने सीबीआई पर जानबूझकर मामले को लटकाए रखने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की ओर से अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कपिल सिब्बल की पक्ष रखने में सहयोग किया। सीबीआई के अधिवक्ता ने कहा कि वे लालू प्रसाद यादव की ओर से जमानत के लिए दाखिल की गई जमानत याचिका पर कुछ और कहना चाहते हैं इसलिए कोर्ट उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय दे।
इसके पहले लालू यादव के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया था कि हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की आधी सजा पूरी होने में 1 माह 17 कम होने से 19 फरवरी को जमानत खारिज कर दी थी। अब छह अप्रैल को आधी अवधि पूरी हो रही है इसलिए संभावना है कि नौ अप्रैल को लालू को जमानत मिल जाए लेकिन आज एक बार फिर मामले की सुनवाई 16 अप्रैल तक के लिए टल गई।