कानपुर के हैलट अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही अच्छे खासे आदमी को भी संक्रमित कर दे। मंगलवार को हैलट इमरजेंसी के बाहर कोविड मरीज 20 मिनट तक खुले में स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। न जाने कितने लोग उसके आसपास से गुजर गए। कानपुर देहात के राजपुर के रहने वाले रामनरेश सांस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत पर सोमवार को इमरजेंसी में भर्ती हुए थे।
नाती अमन ने बताया कि नाना की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव है, वार्ड में शिफ्ट करने की बात कहकर वार्ड ब्वॉय इमरजेंसी के बाहर तक लाया और कहीं गुम हो गया। मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो दूसरा कर्मचारी आया और संक्रमित को अंदर ले गया।
निजी अस्पताल वाले पहले पैसे मांग रहे
बिल्हौर से चाचा कप्तान सिंह को भर्ती कराने आए पंकज ने बताया कि निजी अस्पताल वाले बहुत पैसे मांग रहे हैं। कई अस्पतालों में गया लेकिन सभी ने पहले एक लाख रुपये जमा करने को कहा। बताया कि चाचा हार्ट पेशेंट हैं और उन्हें सांस लेने में परेशानी है। हैलट में उनका इलाज शुरू किया गया।
एंबुलेंस चालक छोड़कर भागा, ई रिक्शा से लाए हैलट
कानपुर देहात के रसूलाबाद के रहने वाले शब्बू को सीने में दर्द, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत है। बेटे मो. शरीफ ने बताया कि मंगलवार रसूलाबाद से कानपुर तक चार हजार रुपये में बिना ऑक्सीजन वाली एंबुलेंस से लेकर आए। मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल गए, वहां से हैलट इमरजेंसी रेफर कर दिया। बाहर निकलकर आए तो एंबुलेंस मिली नहीं, फोन किया तो ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया। ई-रिक्शा से उन्हें हैलट लेकर पहुंचे।
कोविड हेल्प डेस्क बस दिखावे की
सोमवार को सीडीओ डॉ. महेंद्र कुमार ने निरीक्षण के दौरान हैलट में कोविड हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए थे। मंगलवार को हैलट इमरजेंसी के बाहर एक मेज कुर्सी डालकर कोविड हेल्प डेस्क तो बना दी गई लेकिन वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।