लखनऊ समेत यूपी के कई बड़े शहरों का बदलेगा मास्टर प्लान, कई विशेषज्ञों की टीम कर रही काम

लखनऊ सहित प्रदेश के कई बड़े शहरों का मास्टर प्लान बदलेगा। कुछ शहरों के लिए नया मास्टर प्लान बनाया जाएगा तो कुछ शहरों का संशोधित होगा। इसमें नए सिरे से शहरों के तमाम क्षेत्रों का भू उपयोग निर्धारित होगा। प्रमुख सचिव आवास ने इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इसमें कई विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। कमेटी तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। इसी के बाद लखनऊ के 2031 तक के मास्टर प्लान में परिवर्तन होगा। रिपोर्ट के हिसाब से ही गाजियाबाद, कानपुर, प्रयागराज समेत अन्य बड़े शहर के मास्टर प्लान में भी बदलाव होंगे।

प्लान जीआईएस आधारित बनेगा

लखनऊ सहित प्रदेश के कई बड़े शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव होने जा रहा है। तीन फरवरी को इसके लिए प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने आदेश जारी किया है। शहरों में मौजूदा जरूरतों के हिसाब से भू उपयोग निर्धारित किया जाएगा। नदियों, हवाई अड्डा, बस स्टैंड, सैन्य क्षेत्रों सहित तमाम चीजों को मास्टर प्लान में प्रदर्शित किया जाएगा। प्लान जीआईएस बेस्ड भी होगा। सचिव आवास की अध्यक्षता में बनी कमेटी मास्टर प्लान में जरूरत के हिसाब से नई चीजें को जोड़ने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगी।

शासन ने नए प्रस्तावित महा योजनाओं में क्षेत्रीय विकास की योजनाओं को भी शामिल करने का निर्देश दिया है। ताकि संबंधित शहरों के लिए आने वाले दिनों में किसी तरह की दिक्कत है न हों। शहरों में सेना की फायरिंग रेंज को डेंजर जोन के रूप में घोषित किया जाएगा। वर्तमान जरूरतों के हिसाब से नए औद्योगिक क्षेत्र, बस अड्डे, मास्टर प्लान रोड तथा वाटर वर्क्स व एसटीपी, कूड़ा निस्तारण केंद्र सहित अन्य तमाम चीजें भी चिन्हित होंगी।

मास्टर प्लान में पुरातत्व विभाग की ओर से संरक्षित की गई इमारतों, इसके निर्धारित 200 मीटर के दायरे में निर्माण पर रोक जैसी चीजें भी शामिल की जाएंगी। जिन लोगों ने लैंड यूज के विरुद्ध निर्माण कराएं हैं उनका समायोजन मास्टर प्लान में शासनादेश के अनुसार ही हो पाएगा। संबंधित प्राधिकरण की बोर्ड से प्रस्ताव पास होने पर ही इसमें संशोधन होगा। नदियों के इकोसिस्टम के संरक्षण व विकास योजना का प्रस्ताव शामिल किया जाएगा। महायोजना में नदी तटबंध के निर्माण की दशा में नदी किनारे को तटबंध के रूप में ही प्रस्तावित किया जाएगा।
 
सचिव आवास की अध्यक्षता में बनाई गई समिति

सचिव आवास की अध्यक्षता में बनी इस समिति में प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक को सदस्य संयोजक बनाया गया है। आवास बंधु के निदेशक सदस्य व सह संयोजक होंगे। लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इन्दू शेखर सिंह, राजकीय आर्किटेक्चर कॉलेज के प्रधानाचार्य इसके सदस्य होंगे। जबकि डॉ एपीजे अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय के पूर्व डीन आर्किटेक्चर संकाय प्रोफेसर जगबीर सिंह तथा आवास एवं विकास परिषद के पूर्व मुख्य वास्तु विद सुबोध शंकर को विशेषज्ञ सदस्य बनाया गया है। यह अधिकारी व विशेषज्ञ मास्टर प्लान को तैयार करने में मदद करेंगे। 
 
वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फॉरेस्ट, पर्यावरण एवं वन पर विशेष फोकस

मास्टर प्लान में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, रिजर्व फॉरेस्ट,पर्यावरण एवं वन व अन्य संरक्षित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। इन क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए मास्टर प्लान में इनका अलग से चिन्हांकन होगा। वन विभाग से इनका नोटिफिकेशन सुसंगत गजट भी कराया जाएगा। 

जलाशयों, तालाबों व झीलों को भी चिन्हित किया जाएगा

मास्टर प्लान में अब प्राकृतिक जलाशयों, तालाबों, झीलों को भी चिन्हित किया जाएगा। ताकि भविष्य में तैयार होने वाली क्षेत्रीय विकास योजनाओं में इनके संरक्षण पर ध्यान दिया जा सके। अभी मास्टर प्लान में इनका प्रदर्शन न होने से योजनाएं बनाते समय उसमें झील तालाब भी समाहित हो जाते थे।। अनियोजित विकास व निर्माण पर अंकुश लगाने, ग्रीन वेल्ट का मूल स्वरूप बनाए रखने तथा हेरीटेज क्षेत्रों को संरक्षित करने के लिए भी मास्टर प्लान में प्रावधान किया जाएगा।
 
इन पर भी नए सिरे से होगा बदलाव

अवस्थपाना सुविधाओं के लिए नए सिरे से लैंड यूज निर्धारित किया जाएगा।
परिवहन प्रणाली, जलापूर्ति, ड्रेनेज, सीवरेज सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट, विद्युत आपूर्ति सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट का भी परीक्षण होगा।
क्षेत्रीय विकास की संरचना में हाईटेक टाउनशिप नीति, इंटीग्रेटेड टाउनशिप, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, नई पर्यटन नीति, फिल्म नीत, औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, सूचना प्रौद्योगिकी नीति तथा आपदा प्रबंधन नीति आदि को भी परीक्षण कर शामिल किया जाएगा।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com