रविवार को उद्योग व्यापार संगठन के सम्मेलन को बतौर अध्यक्षत संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी ने देश और राज्य के व्यापारियों को बर्बाद कर दिया है। सरकार ने इसके जरिये उद्यमियों को परेशान करने के सिवा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और सरकार से यदि किसी की सबसे बड़ी नाराजगी है, तो वह हमारे व्यपारियों की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज व्यापारियों के साथ सरकार का जैसा सलूक सरकार कर रही है, वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक है। यदि सरकार ये नीतियां इसी तरह से जारी रही तो आने वाले समय में सरकार के रेवेन्यू को भी भारी नुकसान पहुंचेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी संकट आ सकता है।
उन्होंने कहा कि व्यपारी वर्ग सरकार से बहुत परेशान है और बदलाव चाहते हैं। इस बदलाव के लिये हम सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे और 2019 में यह बदलाव हमको देखने को मिलेगा। अखिलेश ने कहा कि सरकार को बनाने में व्यपारियों ने ही मदद व सहयोग किया लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने व्यपारियों को ही बर्बाद कर दिया। यूपी के पूर्व सीएम कि देश का किसान उत्पादन करता है, व्यापारी उसे ग्राहकों को बेचता है और बदले में जो उसे मुनाफा होता है, उनमें से एक बड़ी रकम उसे सरकार को टैक्स के रूप में देना पड़ता है और अंत में उसके हाथ खाली रह जाते हैं। पूर्व CM ने कहा कि किसानों और व्यापारियों को एक साथ मिलकर समाजवादी पार्टी के हाथ मजबूत करने चाहिए, जिससे आने वाले समय में पार्टी किसानों और व्यापारियों के हित के लिए काम कर सके।
बैठक में पहुंचने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का यहां जोरदार स्वागत किया गया। उद्योग व्यापार संगठन के अध्यक्ष नितिन अग्रवाल ने अखिलेश यादव को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। उद्योग व्यापार संगठन की बैठक शुरु होते ही कई नेताओं समेत व्यापारियों ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था, हाल में संपन्न मतदान के दौरान ईवीएम से छेड़छाड़ जैसे मुद्दों को लेकर यूपी सरकार और केंद्र पर निशाना साधा।
इस सम्मेलन में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के अलावा प्रोफेसर रामगोपाल यादव सहित सपा के कई विधायकों और पूर्व मंत्रियों ने भी शिरकत की।