लखनऊ;सुप्रीम कोर्ट और सरकार की सख्त आदेश के बावजूद तालाबो की जमीन पर से अतिक्रमण रुकने का नाम नही ले रही है . बारिश की पानी संचय करने के लिए तालाबो की जीर्णोद्वार के प्रति सरकारी मुलाजिम संवेदनशील नही है.इसका ताजा उदाहरण है,प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यहा प्रापर्टी डीलर से लेकर एलडीए तालाब की जमीन को कब्जा करके कंक्रीट की शहर बना रही है.शहर के नजदीक गाव सरथुआ में करीब 30 बीघा जमीन पर सरकारी मैप खसरा संख्या 328,360 और 323 में तालाब दर्ज है,लेकिन स्थानीय लोग कब्जा करके खेत बताकर और प्लाटिंग करके बेच रहे है.दूसरी तरफ लखनऊ माडर्न संस्थान ने राजधानी की तालाबो को चिन्हित करके उसकी जीर्णोद्वार कराने की तरफ कदम उठाई हैं.
एक ऐसा ही तालाब की जीर्णोद्वार संस्थान करा रही है,जो दो तहसील और दो गावो की सरहद की वजह से अपनी वजूद खो चुकि थी . जिसे कुछ दबंग लोग इसे खेत बनाकर कब्जियाए थे.इस तालाब का गाटा संख्या 8ग्राम सरथुआ तहसील मोहनलाल गंज और गाटा संख्या 723ग्राम सेवई तहसील सरोजनीनगर में स्थित है.इस तालबा की रखरखाव और जीर्णोद्वार लखनऊ माडर्न संस्थान ने अपने खर्चे से करा रही है .
संस्थान के पदाधिकारी राजा गुप्ता और पकंज मिश्र ने बताया कि, बढती जल संकट से छूटकारा पाने के लिए तालाबो को बारिश से पहले गहरी कराने के लिए सरकार की ही जिम्मेदारी नही है,इसे एनजीओ और आमलोगों की सहभागिता से ही यह कार्य सम्भव है .इसके लिए संस्थान लखनऊ जिले की तालाबो का सर्वे कराकर जिलाधिकारी और सीडीओ को रिपोर्ट सौपेगी.