कुछ दिन पहले सीवेज के पानी में कोरोना वायरस पाए जाने की बात समाने आई थी और इसकी जांच की बात कही गई थी। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार लखनऊ के निगम आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि पानी की जांच में किसी बैक्टीरिया की पुष्टि नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि हमे पानी में कोरोना वायरस की खबर मिली थी। हालांकि इस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं है लेकिन अहतियात के तौर पर हमने 100 जगह से नमूने लेकर उसकी जांच की थी। सभी नूमने सुरक्षित हैं। अभी जांच जारी है।
सीवर के पानी में कोरोना वायरस मिलने की जानकारी के बाद बुधवार को नगर आयुक्त की मौजूदगी में शहर में 97 स्थानों से पेयजल के नमूने लिए गए। मौके पर किए गए ओटी टेस्ट में सभी नमूने सही पाए गए हैं। अब आगे की जांच के लिए नमूने राज्य स्तरीय प्रयोगशाला में भेजे गए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पेयजल में कोरोना का संक्रमण तो नहीं है। हालांकि, पानी से कोरोना संक्रमण फैलने को लेकर अब तक कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है। एसजीपीआई के निदेशक ने भी स्पष्ट कर चुके हैं की पानी से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है।
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि बुधवार को ऐसी खबरें सामने आईं कि एसजीपीजीआई की जांच में सीवर के पाने में कोरोना वायरस पाया गया है। ऐसे में पेयजल में भी संक्रमण की आशंका जताई जा रही थी। उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई की ओर से जांच के लिए जो सैंपल लिए गए थे वह नाले के पानी के थे।
सीवर लाइन का डिस्पोजल सीवेज ट्रीटमेंट के जरिए किया जाता है। कोई भी सीवर लाइन सीधे नदी में नहीं गिरती है। जलकल विभाग की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले पेयजल का नियमित क्लोरीनेशन होता है। आपूर्ति से पहले सीएमओ और जलकल विभाग की संयुक्त टीम ओटी टेस्ट करती है। उसके बाद ही पानी की आपूर्ति की जाती है।
स्वच्छ व जीवाणु रहित है पेयजल आपूर्ति
जकलकल से जिस पानी की आपूर्ति होती है उसकी शहर में अलग-अलग जगह नमूने लेकर केमिकल और बैक्टीरियोलॉजिक जांच राज्य स्वास्थ्य संस्थान अलीगंज द्वारा की जाती है। पिछले दिनों आठ नमूनों की जांच की गई थी, जो सही मिले थे। बुधवार को 97 जगहों पर पानी का ओटी टेस्ट किया गया। इसमें सभी नमूने सही मिले। ऐसे में जलकल विभाग से की जाने वाली पेयजल आपूर्ति पूरी तरह स्वच्छ और जीवाणु रहित है।