‘हां, पास की बिल्डिंग में दो घर खाली हैं’, आपको सस्ते में दिला दूंगा। कोई कहे की आपको सस्ते में मकान दिला दूँगा।बुकिंग एमाऊंट कम है रजिस्ट्रेशन करा लीजिए।
इस तरह की बातों में आकर अगली बार आप रियल इस्टेट एजेंट का चुनाव न करिएगा। उसका रजिस्ट्रेशन नंबर देखने के बाद ही आप उससे व्यवहार करिएगा। दरअसल, रियल इस्टेट रेग्युलेटरी के आने के बाद से गली, नुक्कड़ में दुकान खोले एजेंटों की राह कठिन हो जाएगी। बाकायदा एजेंटों को इसमें रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिना रजिस्ट्रेशन कराए एजेंट लेन-देन नहीं करा सकते। रियल स्टेट के लेन-देन में होने वाले फर्जीवाड़े के पीछे कई बार एजेंटों का हाथ भी होता है। गली, मोहल्ले में छोटे-छोटे टेबल लगाकर बैठने वाले एजेंट की दुकान बंद हो जाएगी।नेटवर्किग मार्केटिंग वाली कम्पनितो पर सख्त करवाई की बात पहले ही रिगुलेटरी के कार्यकारी अधिकारी चेतावनी दे चुके है।
आएगी पारदर्शिता
एजेंट के रूप में काम करने वाले ज्यादातर लोग अपनी कमाई काफी कम दिखाते थे। जिससे इनकम टैक्स भरने से भी उनकी मुक्ति हो जाती थी। नए सिस्टम में आने के बाद उनके कराए गए सभी व्यवहार का आसानी से पता चल सकेगा। जिससे टैक्स की चोरी भी बच जाएगी। प्रोफेशनल काम करने वाले इन एजेंटों को प्रोफेशनल टैक्स भी देना होगा। जाहिर तौर पर सरकारी खजाने में भी ज्यादा पैसा आएगा।
सभी का फायदा
इस नए नियम के तहत, बिल्डर भी अपने साथ मार्केट में अच्छा नाम रखने वाले एजेंट को ही रखेंगे। एजेंट को अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद बिल्डर उसे अपने प्रॉजेक्ट से जोड़ सकेंगे। एक बिल्डर ने बताया कि कई बार नए एजेंट भी बिक्री करने का वादा करते हैं, जिससे उन्हें हम जोड़ लेते हैं। लेकिन कई बार मार्केट में उनकी खराब छवि का हमें खामियाजा भुगतना पड़ता है। ग्राहक भी रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर एजेंट से जुड़ी सभी जानकारी हासिल कर सकेंगे। जिसके आधार पर वह लेन-देन करते समय अधिक सुनिश्चित रहेंगे।
एजेंट भी होगा जिम्मेदार
किसी भी प्रकार के छूटे वादे या दावे के लिए एजेंट भी जिम्मेदार होगा। शिकायत सही पाए जाने पर उसे भी सजा हो सकती है। ऐसे में, एजेंट भी लेन-देन करते समय अधिक सतर्क हो जाएंगे। कई एजेंट तो ऑफिस में ब्रोशर रखकर ही बिक्री करते रहते हैं। इन सब का धंधा अब नहीं चलेगा। एक एजेंट ने कहा कि हम बिल्डर द्वारा बताए गए प्लान के आधार पर ही बिक्री करते रहे हैं। आगे ऐसा नहीं होगा। अब बकायदा अप्रूव प्लान स्टैंप लगाकर देंगे।
रीसेल, भाड़े के समय में
रीसेल या भाड़े पर घर लेते समय भले ही रेरा लागू न हो लेकिन रजिस्टर्ड एजेंट होने के चलते उनका भरोसा मार्केट में बैठे अन्य एजेंटों के मुकाबले काफी ज्यादा होगा। ऐसे में, इस तरह की बिक्री भी इनका रोल अहम हो जाएगा।
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कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन:
रियल इस्टेट एजेंट के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए,
Www. up rerea.in पर आवेदन किया जा सकता है।
– जहां आपको इनकम टैक्स रिटर्न, प्रोफेशनल टैक्स, आपका पुराना रेकॉर्ड इत्यादि देना है।
– नए एजेंट भी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
– 25000 रुपये की फीस भी चुकानी होगी।
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आप घर लेने, बेचने या भाड़े पर देते समय एजेंट से पहले रजिस्ट्रेशन नंबर लेकर बाकायदा उसकी ऑनलाइन जानकारी हासिल कर लें। इसके बाद ही उनके साथ ही डील आगे बढ़ाएं। आप uprera.in पर इससे संबंधित सभी जानकारी हासिल कर सकते हैं। एजेंट की शिकायत भी आप यहां कर सकते हैं।
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इससे हमें भी पारदर्शी कारोबार करने में मदद मिलेगी। हम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।
– यशवंत दलाल, प्रेजिडेंट, द इस्टेट एजेंट असोसिएशन ऑफ इंडिया
रियल इस्टेट एजेंटों के रजिस्ट्रेशन से बिल्डरों का काम भी आसान हो सकेगा। आसानी से संबंधित और योग्य व्यक्ति का चयन किया जा सकेगा।
– राजा गुप्ता, सेल्स जीएम, राजघराना कम्पनी