लखनऊ :प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा विकास प्राधिकरणों का कैग से आडिट कराने के निर्णय का स्वागत किया है। राज्यपाल ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता के प्रति जवाबदेही महत्वपूर्ण मुद्दा है।
पारदर्शिता और शुचिता की दृष्टि से जहां भी सरकारी धन का उपयोग होता है, उसका आडिट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर धन के दुरूपयोग और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
राज्यपाल को महालेखाकार (आर्थिक एवं राजस्व सेक्टर आडिट) उत्तर प्रदेश ने 5 मई 2016 व 1 जून 2016 को पत्र प्रेषित कर अवगत कराया था कि राज्य सरकार द्वारा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के व्यय व प्राप्तियों का आडिट किए जाने के लिए स्वीकृति नहीं प्रदान की जा रही है।
इस संबंध में उनके द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को 5 मई 2016 व 31 मई 2016 को पत्र भेजकर उचित कार्रवाई कर अवगत कराने को कहा गया था।
राज्यपाल ने 25 जुलाई 2016 को तीसरी बार मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर ‘भारत का संविधान’ व अन्य कानून के प्राविधानों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के व्यय व प्राप्तियों का आडिट कराने के आदेश देने के लिए कहा गया था। परन्तु राज्य सरकार की ओर से संबंधित विभाग व गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आडिट कराने के संबंध में आदेश निर्गत नहीं किए गए जिस कारण महालेखाकार (आर्थिक व राजस्व सेक्टर आडिट) द्वारा प्राधिकरण का आडिट किया जाना संभव नहीं हो पा रहा था। राज्यपाल ने प्रकरण की महत्ता को देखते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केन्द्रीय वित्तमंत्री को इस संबंध में पत्र भेजा था।