उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार किए जा जा रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर सियासत गरमाने लगी है। सपा सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान की टिप्पणी पर भाजपा के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने करारा पलटवार किया। प्रस्तावित कानून में वन चाइल्ड पॉलिसी को प्रोत्साहित करने की नीति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि इससे जनसंख्या अनुपात में असंतुलन पैदा होगा।
संभल से सपा के सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने प्रस्तावित जनसंख्या कानून पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा-‘कानून बनाना आपके हाथ में है लेकिन जब बच्चा पैदा होगा तो उसे कौन रोक सकता है।’ उधर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने के प्रयासों को लेकर राजनीति करने वाले राज्य एवं देश के दुश्मन हैं। दो दिवसीय दौर पर रामपुर पहुंचे नकवी ने पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनसंख्या को काबू करना समय की आवश्यकता है। यह खुशी की बात है कि जनसंख्या नियंत्रण का अभियान यूपी से शुरू किया जा रहा है, जो कि देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उठाए जा रहे कदमों का स्वागत करना चाहिए।
इस बीच विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाया जाना जरूरी है लेकिन सरकार को यह ध्यान में रखना होगा कि इससे जनसंख्या में नकारात्मक वृद्धि को बढ़ावा न मिले। केवल एक बच्चा पैदा करने वाले माता-पिता को ज्यादा लाभ देने की नीति उचित नहीं है। इससे हिन्दू व मुस्लिम जनसंख्या के अनुपात में असंतुलन पैदा होगा। सरकार को बहु विवाह पर अंकुश लगाने का प्रयास करना चाहिए। आयोग द्वारा मसौदा अंग्रेजी में तैयार किए जाने पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ राय ने कहा कि यह विषय व्यापक जन समुदाय को प्रभावित करने वाला है। इस कारण इसका मसौदा हिन्दी में होना चाहिए था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस पर अपना सुझाव दे सकें। इसके अलावा सुझाव देने के लिए समय भी बढ़ाया जाना चाहिए।
इस मसौदे में एक और दो बच्चों की नीति को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) एक्ट 2021 का यह मसौदा इस समय आयोग की वेबसाइट पर है। फिलहाल इस पर सुझाव लेने की प्रक्रिया चल रही है। फिर इसे अंतिम रूप देकर राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। मसौदे में वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले माता-पिता को कई तरह का विशेष प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव है।