अशोक कुमार गुप्ता, लखनऊ : प्रदेश में योगी आदित्यनाथ राज की शुरुआत हो गई साथ ही मंत्रिमंडल में भी पार्टी ने टिकट वितरण के दौरान अख्तियार की गई सोशल इंजीनियरिंग की नीति को जारी रखा है। योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में दो उप-मुख्यमंत्री को जगह दी गई है औऱ यह दोनों पद जातीय समीकरण के मुताबिक ही रखे गए हैं। इसके अलावा 7-7 ब्राह्मण और क्षत्रिय तो सबसे ज्यादा ओबीसी का मंत्रिमंडल में स्थान मिला है ।
केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी श्रेणी से आते हैं वहीं दूसरे उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा जाति से ब्राह्मण है। उत्तर प्रदेश देश के उन राज्यों में शुमार है, जहां ब्राह्मणों की आबादी सबसे ज्यादा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद क्षत्रिय समाज से आते हैं।
इसके अलावा योगी कैबिनेट में अन्य मंत्रियों को भी प्रदेश के जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए जगह दी है। कुल मिलाकर बीजेपी ने योगी के कैबिनेट में प्रदेश के सभी वर्गों की आकांक्षाओं को जगह दी है। नई सरकार में दो उप-मुख्यमंत्रियों के अलावा 47 मंत्रियों को जगह दी गई है।
योगी कैबिनेट में ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा 9 मंत्रियों को जगह दी गई है वहीं राजपूत और ब्राह्मण जाति से 7-7 उम्मीदवारों को मंत्री बनाया गया है। चुनाव से पहले बीजेपी ने ओबीसी समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य बनाया गया था, जिसे मंत्रिमंडल में भी जगह दी गई है।
ओबीसी कोटे से 9 उम्मीदवारों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जिसमें केशव प्रसाद मौर्य उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं जबकि एस पी बघेल, धर्म पाल सिंह और कल्याण सिंह के पोते संदीप कल्याण सिंह समेत कुल 9 उम्मीदवारों को मंत्री बनाया गया है। इसके बाद राजपूत जाति के 7 लोगों को मंत्रिमंजल में जगह मिली है।
ब्राह्मण औऱ क्षत्रिय समुदाय की संख्या अधिक
इसमें राजेंद्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ (कैबिनेट), जय प्रकाश सिंह(कैबिनेट), चेतन चौहान (कैबिनेट), डॉ. महेंद्र सिंह(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार), सुरेश राणा(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार), स्वाति सिंह (राज्यमंत्री) और रणवेंद्र प्रताप सिंह ‘धुन्नी सिंह'(राज्यमंत्री) शामिल हैं।
स्वाति सिंह दयाशंकर सिंह की पत्नी है, जिन्हें मायावती के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के मामले में पार्टी ने छह साल के पार्टी से निकाल दिया था, लेकिन यूपी में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद न केवल पार्टी में उनकी वापसी हुई बल्कि उनकी पत्नी स्वाति सिंह को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
स्वाति सिंह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची है, वहीं चौंकाने वाले फैसले के तहत रिकॉर्ड वोट से जीतने वाले नोएडा के विधायक पंकज सिंह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है जो सबको चौकाने वाला लगा ।पंकज सिंह गृह मंत्री और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के बेटे हैं।
ब्राह्मण जाति के 7 मंत्री
ब्राह्मण जाति के 7 लोगों को योगी मंत्रिमंडल में जगह देकर अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने की कोशिश की गई है।
ब्राह्मण समुदाय से आने वाले मंत्रियों में दिनेश शर्मा (उपमुख्यमंत्री), रीता बहुगुणा जोशी(कैबिनेट), बृजेश पाठक (कैबिनेट), सत्यदेव पचौरी (कैबिनेट), श्रीकांत शर्मा (कैबिनेट), अर्चना पांडेय (राज्यमंत्री) औऱ नीलकंठ तिवारी (राज्यमंत्री) शामिल है। नीलकंठ तिवारी पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के तहत आने वाले विधानसभा सीट से जीतकर आए हैं वहीं रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थी, जिसका उन्हें इनाम मिला है।
जोशी ने लखनऊ कैंट से मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव को शिकस्त दी थी वहीं श्रीकांत शर्मा मथुरा से पार्टी के विधायक हैं। इसके अलावा पंजाबी खत्री समुदाय से तीन लोगों को कैबिनेट में जगह दी गई है। इसमें सुरेश खन्ना (कैबिनेट), आशुतोष टंडन ‘गोपाल’ (कैबिनेट), और सतीश महाना (कैबिनेट) शामिल हैं।
भूमिहार समुदाय के दो
वहीं पूर्वांचल के इलाके में अहमियत रखने वाले भूमिहार समुदाय के दो नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। सूर्य प्रताप शाही (कैबिनेट) और उपेंद्र तिवारी (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार ) को मंत्री बनाया गया है।
इसके अलावा जाट समुदाय के दो नेताओं लक्ष्मी नारायण चौधरी (कैबिनेट) और भूपेंद्र सिंह चौधरी(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) को मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है जबकि वैश्य समुदाय से चार लोगों को मंत्रीपरिषद में जगह दी गई है। नंद कुमार गुप्ता ‘नंदी'(कैबिनेट), राजेश अग्रवाल(कैबिनेट), अनुपमा जायसवाल(राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) और अतुल गर्ग(राज्यमंत्री) को कैबिनेट में जगह मिली है।
कायस्थ जाति के
वहीं कायस्थ जाति के सिद्धार्थनाथ सिंह (कैबिनेट) को भी योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। सिंह लालबहादुर शास्त्री के पोता है इलाहबाद से जीते है चुनाव ।
तीन कुर्मी मंत्री तो एक यादव को मिली कैबिनेट में जगह
वहीं वोट बैंक के लिहाज से अहम माने जाने वाले कुर्मी समुदाय से तीन लोगों को मंत्री बनाया गया है। मुकुट बिहारी वर्मा (कैबिनेट), स्वतंत्र देव (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) और जय कुमार सिंह ‘जैकी’ (राज्यमंत्री) को योगी कैबिनेट में जगह मिली है।
जबकि मुलायम सिंह यादव का वोट बैंक माने जाने वाले यादव जाति से पार्टी ने महज एक व्यक्ति गिरीश यादव को राज्यमंत्री बनाया गया है। जबकि कोइरी समुदाय से स्वामी प्रसाद मौर्या (कैबिनेट) और सैनी समुदाय से धरम सिंह सैनी (राज्यमंत्री स्वतंत्रप्रभार) को मंत्री बनाया गया है।
तीन दलित और 4 अतिपिछडे वर्ग बने मंत्री
वहीं दलित समुदाय में चमार जाति से रमापति शास्त्री, धोबी समुदाय से गुलाबो देवी (राज्यमंत्री) और पासी समुदाय से सुरेश पासी (राज्यमंत्री) को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। जबकि सिख समुदाय से बलदेव सिंह ओलख (राज्यमंत्री)
मंत्रिमंडल में दलितों और अति पिछड़े वर्ग को भी जगह दी गई है। विपक्ष हमेशा बीजेपी पर दलित विरोधी राजनीति का आरोप लगाता रहा है लेकिन योगी मंत्रिमंडल में उन्हें भी पर्याप्त जगह दी गई है। अब विपक्ष आरोप नही लगा सकता है ।
अतिपिछड़ोें में कोरी से मनोहर लाल पंथ मन्नु कोरी (राज्यमंत्री), राजभर समुदाय से ओम प्रकाश राजभर (कैबिनेट), अनिल राजभर (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार), बिंद-निषाद-नोनिया समुदाय से दो लोगों दारा सिंह चौहान (कैबिनेट) और जय प्रकाश निषाद (राज्यमंत्री) को मंत्री बनाया गया है।
एकमात्र मुस्लिम को मिली कैबिनेट में जगह
मुस्लिम समुदाय से एक मोहसिन रज़ा (राज्यमंत्री) को कैबिनेट में जगह दी गई है।
रजा शिया समुदाय से आते हैं। रजा योगी मंत्रिमंडल में एकमात्र मुस्लिम चेहरा है। रजा को मंत्री बनाया जाना इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के दौरान 403 सीटों में से एक भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था। रजा न तो विधानसभा के सदस्य हैं और नहीं वह विधानपरिषद के सदस्य है।