चेन्नई। हर किसी का ये सपना होता है कि वह जिंदगी में कम से कम एक बार दूसरे देश की यात्रा करे लेकिन कुछ ही लोग इस सपने को पूरा कर पाते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी उन्हें ऐसा करने से रोक देती है, लेकिन चेन्नई की एक बुजुर्ग महिला ने दूसरे देशों की यात्रा करने को ही अपना जुनून बना लिया है।
40 साल की उम्र में विदेश यात्रा की शुरुआत करने वाली ये महिला अब तक 65 से ज्यादा देशों की यात्रा कर चुकी हैं। इतना ही नहीं उनके पास 6 भारतीय पासपोर्ट हैं। जिस उम्र में आदमी जिंदगी के सभी कामों से रिटायर होना चाहता है, उस उम्र में भी इस महिला का विदेश यात्रा का जुनून अब भी बरकरार है।
चेन्नई की रहने वाली सुधा महालिंगम पत्रकार रह चुकी हैं। 68 साल की हो चुकीं सुधा अब तक 65 देशों की यात्रा कर चुकी हैं, वहीं अब भी उनकी लिस्ट में बाकी बचे देशों की यात्रा की योजना बनी हुई है। सुधा सिर्फ दूसरे देशों की यात्रा का ही शौक नहीं रखती हैं, बल्कि वे हर यात्रा का एक एडवेंचर के तौर पर लेती हैं। यही वजह है कि कई बार वे स्थानीय खाने का लुत्फ लेने के लिए बिना किसी खाद्य सामग्री के ही बैग पैक कर विदेश यात्रा पर निकल पड़ती हैं।
सुधा ने अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत तब की जब वे 40 साल की थीं। हालांकि बैगपैक जर्नी की शुरुआत करने के पहले भी सुधा कई जगहों पर घूम चुकीं थीं। लेकिन फिर उन्होंने विदेश यात्रा को ही अपना जुनून बना लिया।
उन्होंने Better India को बताया ‘सारी उम्र तुम्हें बताया जाता है कि तुम्हारे लिए क्या सही है। तुम क्या कर सकते हो क्या नहीं। कौन सी जगह तुम्हारे लिए सुरक्षित और कौन सी नहीं। ट्रेविलिंग इन सब बातों को टेस्ट करने का एक बेहतर जरिया होती है। इससे आत्मविश्वास बढ़ने के साथ ही हमें हमारी क्षमताओं का भी पता चलता है।’
सुधा ने अकेले यात्रा करने की शुरुआत साल 1996 में कैलाश मानसरोवर यात्रा से की थी। इसके लिए उन्हें अपने 5 साल के बेटे को घर छोड़ना पड़ा था।