खींचतान, आपसी गुटबाजी और किसी तरह के मतभेद से बचने के लिए भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष के उम्मीदवारों के नाम आम सहमति से तय करेगी। खास तौर पर सांसद, विधायक और जिलाध्यक्ष के बीच सहमति बनाकर किसी एक उम्मीदवार का नाम प्रदेश संगठन को भेजने को कहा जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में सीएम आवास पर शनिवार को भाजपा कोर कमेटी की बैठक में 50 से अधिक जिलों में पार्टी का जिला पंचायत अध्यक्ष जिताने की रणनीति पर मंथन किया गया। बैठक में यह बात प्रमुखता से सामने आई कि अधिकांश जिलों में जिपं अध्यक्ष के लिए दो से तीन मजबूत दावेदार हैं। अगर एक नाम पर सहमति नहीं बनी तो स्थिति बिगड़ सकती है।
पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर जातीय समीकरण के साथ जिताऊ और टिकाऊ दावेदार को उम्मीदवार बनाया जाए। जिलों में एक नाम पर सहमति बनाने के लिए सरकार और संगठन के स्तर पर संयुक्त प्रयास किए जाएंगे। बैठक में निर्दलीयों के साथ विपक्षी दलों के सदस्यों का समर्थन जुटाने के प्रयासों पर भी चर्चा की गई। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी मौजूद थे।
दावेदारों का तैयार होगा पैनल
बैठक में सभी 75 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष के दावेदारों के लिए दो-तीन दावेदारों का पैनल तैयार करने का फैसला हुआ। दावेदारों के पास उपलब्ध सदस्यों के समर्थन का आकलन करने के बाद नाम का फैसला होगा।