यूपी पंचायत चुनाव में लगे लगभग 706 शिक्षकों की मौत को लेकर गुरुवार को सियासत गर्मा गई। प्रमुख विपक्षी दल शिक्षकों की लड़ाई में उनके साथ उतर आए हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इनके परिवारीजनों को 50-50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है। वहीं शिक्षक दलों ने चुनाव आयोग से मतगणना टालने की मांग की है। उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयोग को 706 मृत शिक्षकों की जिलावार सूची निर्वाचन आयोग को सौंपी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा है कि निर्वाचन आयोग से हम लगातार मतगणना टालने की मांग कर रहे हैं। हमारे शिक्षक साथी मर रहे हैं और उनकी गिनती भी नहीं हो रही है।
उप्र विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि आजमगढ़, रायबरेली, खीरी, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज आदि जिलों में दो-दो दर्जन शिक्षकों की मौत हो चुकी है। उनका आरोप है कि चुनाव के प्रशिक्षण देते समय अधिकारियों ने खुद कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। कई जिलों में चुनाव होने तक शिक्षक संक्रमित हो चुके थे। प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा शिक्षक कोरोना संक्रमण से ग्रसित हैं। गुरुवार को शिक्षक महासंघ के संयोजक व पूर्व एमएलसी हेम सिंह पुण्डीर नेता शिक्षक दल सुरेश त्रिपाठी, शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी निर्वाचन आयोग को परिस्थितियों की जानकारी देते हुए मतमणना टालने की मांग की है।
गमाई सियासत-
प्रियंका गांधी, कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी
यूपी पंचायत चुनावों की ड्यूटी में लगे लगभग 500 शिक्षकों की मृत्यु की खबर दुखद और डरावनी है। चुनाव ड्यूटी करने वालों की सुरक्षा का प्रबंध लचर था तो उनको क्यों भेजा? सभी शिक्षकों के परिवारों को 50 लाख रु मुआवाजा व आश्रितों को नौकरी की माँग का मैं पुरजोर समर्थन करती हूँ।
अखिलेश यादव, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा प्रमुख
पंचायत चुनावों में इलेक्शन ड्यूटी में जिन अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है उनके परिवारों को उप्र सरकार तत्काल 50 लाख की सहायता राशि प्रदान करे। भाजपा सरकार सुरक्षा दे अन्यथा सरकारी कर्मी व शिक्षक मतगणना का बहिष्कार करने पर बाध्य हो जाएंगे।