इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश रहे जस्टिस बीके नारायण को उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की ओर से जारी नियुक्ति पत्र के अनुसार उनकी नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने से तीन वर्ष तक या 70 वर्ष की आयु में से जो पहले हो तक के लिए की गई है। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति बालकृष्ण नारायण 12 वर्षों के सफल कार्यकाल के बाद पिछले साल जुलाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं।
मालूम हो कि बाल कृष्णा नारायण ने देश के सबसे चर्चित मुकदमों में से एक आरुषि हत्याकांड का फैसला सुनाया था। उन्होंने इस मामले में फैसला सुनाते हुए आरुषि के माता-पिता तलवार दंपत्ति की रिहाई का आदेश दिया था।
अधिवक्ता संघ ने की कोर्ट में सीधी सुनवाई की मांग
प्रयागराज जिला अधिवक्ता संघ ने नियमित कोर्ट में सीधी सुनवाई किए जाने की मांग की है। संघ ने कहा है कि वर्चुअल सुनवाई में अधिवक्ताओं को बहुत परेशानी हो रही है। नेट सहित कई समस्याएं आ रही हैं।
जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राधा रमण मिश्र ने प्रशासनिक न्यायमूर्ति और जिला जज से मांग की है कि जिला न्यायालय में वर्चुअल कोर्ट की जगह नियमित कोर्ट में सीधी सुनवाई की जाए। अध्यक्ष का कहना है कि ऑनलाइन के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्रों की हो रही सुनवाई में अधिवक्ताओं को परेशानी हो रही है। इंटरनेट की समस्या, ऑनलाइन फाइलिंग में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। जिससे ठीक तरह से जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। अधिवक्ताओं की मांग है कि नियमित अदालत में सीधी सुनवाई की व्यवस्था की जाए।
अधिवक्ता संघ का कहना है कि कोविड-19 का प्रभाव जिले में कम हो गया है और लॉकडाउन भी समाप्त हो गया है। स्थिति सामान्य होती जा रही है लिहाजा नियमित कोर्ट में सीधी सुनवाई होनी चाहिए। इस संबंध में उन्होंने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, प्रशासनिक न्यायमूर्ति, जिला जज को पत्र लिखकर सीधी सुनवाई शुरू किए जाने का आग्रह किया है।
कचहरी में वैक्सीनेशन की मांग
प्रयागराज। जिला न्यायालय के अधिवक्ताओं ने कचहरी में वकीलों को वैक्सीन लगाए लगाए जाने की मांग की है। अधिवक्ता संघ के पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष कुश पांडे ने जिला प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मांग की है कि जनपद न्यायालय परिसर में विशेष कैंप के द्वारा वकीलों को वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की तरह जनपद न्यायालय परिसर में भी वैक्सीन लगाए जाने की व्यवस्था किए जाने से वकीलों को सुविधा होगी और एक ही जगह सबको वैक्सीन लग जाएगी।