यूपी सरकार ने सिनेमाघरों में धूम्रपान संबंधी 49 साल पुराना कानून खत्म कर दिया है। मौजूदा समय इस कानून की कोई जरूरत नहीं है। मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में धूम्रपान को लेकर चलचित्र अधिनियम प्रभावी है। इसलिए एक ही प्रतिबंध के लिए दो कानूनों की कोई जरूरत न होने की वजह से इसे निरस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्य सरकार ने प्रदेश के सिनेमाघरों में धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने के लिए उत्तर प्रदेश धूम्रपान निषेध (सिनेमाघर) अधिनियम 1952 बनाया था। इस अधिनियम के अंतर्गत सिनेमा हाल में फिल्म दिखाए जाने के दौरान धूम्रपान पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस दौरान धूम्रपान करते हुए पाए जाने पर 50 रुपये अर्थदंड लगाने की व्यवस्था की गई थी। मौजूदा समय मल्टीप्लेक्स और सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों के लिए धूम्रपान पर प्रतिबंध को लेकर अलग से चलचित्र अधिनियम बना हुआ है। इसीलिए इस अधिनियम का औचित्य समाप्त हो गया था। इसके चलते इसे निरस्त करने का फैसला किया गया है।
लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु के तीन माह के भीतर आवेदन पर मिलेगी सम्मान राशि
प्रदेश के ऐसे लोकतंत्र सेनानी जिन्हें सम्मान राशि व अन्य सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं, की यथास्थिति उत्तराधिकारी पत्नी या पति को लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु के 3 माह के अंदर आवेदन करने की अपेक्षा के साथ अगले दिन से सम्मान राशि व अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी। यह फैसला बुधवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। प्रदेश सरकार के राजनैतिक पेंशन, नागरिक उड्डयन और अल्पसंखयक कल्याण मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि उन्होंने कहा, सरकार ने एक बार में ही सहायता राशि में 5000 रुपए की बढ़ोतरी की है। वर्तमान में इन्हे 20000 रुपये प्रति माह सम्मान राशि दी जा रही है। पिछली कई विभागीय बैठकों में यह बात उठी थी कि लोकतंत्र सेनानी के देहान्त के उपरान्त उनके आश्रित को सम्मान राशि, सेनानी के देहान्त के अगले दिन से दिये जाने सम्बंधी प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के समक्ष रखे जाने के लिए शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही की जाय जिसके फलस्वरूप बुधवार की कैबिनेट बैठक में यी प्रस्ताव रखा गया। नन्दी ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र पर काम कर रही है।