मेरठ तथा मुरादाबाद के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रात में भूकंप के झटके लगे। लोग ठंड के बाद भी अपने-अपने घर से बाहर निकल पड़े। उत्तराखंड के रुद्र प्रयाग जिले को इसका केंद्र बताया गया है। आपदा नियंत्रण कक्ष जानकारी जुटा रहा। 5.3 मैग्नीट्यूड के साथ पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में भूकम्प के झटके।
पश्चिमी यूपी के कई इलाकों में भी महसूस किये गए भूकंप के झटके। घबराकर घरों से बाहर निकले लोग।पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड की सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में रात में लोगों को भूकंप के झटके लगे। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में भी भूकम्प के झटके। दिल्ली सहित पूरे एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी भूकंप के झटके महसूस किये गये।जमीन से एक किलोमीटर गहराई में था भूकंप का केंद्र। आपदा प्रबंधन की टीमें इस बारे में अभी अधिक जानकारी जुटाने में जुटी हैं।
आज तकरीबन 10.40 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। मिल रही जानकारी के मुताबिक यह झटके 8 से 10 सैकेंड तक महसूस किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.8 मापी गई है। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
लगभग 20 सेकेंड महसूस हुए भूकंप के झटके। आगरा में भी भूकंप के झटके। दिल्ली उत्तराखण्ड, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत भूकम्प के झटके। बरेली में भी शहर में कुछ जगहों पर 10 मिनट पहले भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बरेली, सहारनपुर और मेरठ में भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए। अमरोहा में भी महसूस हुए भूकंप के झटके। भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल। भूकंप के झटकों के बाद घरों से निकले लोग।गाजियाबाद में भी महसूस हुए भूकंप के झटके, भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल। मुजफ्फरनगर में महसूस हुए भूकंप के झटके।
अभी तक किसी भी जगह से जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं मिली। भूगर्भ विज्ञानी के मुताबिक, 5.3 तीव्रता के हिसाब ये भूकंप ज्यादा नुकसानदेह नहीं होगा। इससे कच्चे मकानों को नुकसान होने की संभावना है। अभी भूकंप के बाद के झटकों का खतरा है लेकिन इनकी तीव्रता कम होने की उम्मीद है।
भूकंप के दौरान सतर्कता से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
अगर आप किसी इमारत के अंदर हैं तो फर्श पर बैठ जाएं और किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे चले जाएं। यदि कोई मेज या ऐसा फर्नीचर न हो तो अपने चेहरे और सर को हाथों से ढंक लें और कमरे के किसी कोने में दुबककर बैठ जाएं। अगर आप इमारत से बाहर हैं तो इमारत, पेड़, खंभे और तारों से दूर हट जाएं। अगर आप किसी वाहन में सफर कर रहे हैं तो जितनी जल्दी हो सके वाहन रोक दें और वाहन के अंदर ही बैठे रहें। अगर आप मलबे के ढेर में दब गए हैं तो माचिस कभी न जलाएं, न तो हिलें और न ही किसी चीज को धक्का दें। मलबे में दबे होने की स्थिति में किसी पाइप या दीवार पर हल्के-हल्के थपथपाएं, जिससे कि बचावकर्मी आपकी स्थिति समझ सकें। अगर आपके पास कोई सीटी हो तो उसे बजाएं।कोई चारा न होने की स्थिति में ही शोर मचाएं। शोर मचाने से आपकी सांसों में दमघोंटू धूल और गर्द जा सकती है। अपने घर में हमेशा आपदा राहत किट तैयार रखें।
भूकंप कैसे आता है
पृथ्वी की बाहरी सतह सात प्रमुख एवं कई छोटी पट्टियों में बंटी होती है. 50 से 100 किलोमीटर तक की मोटाई की ये परतें लगातार घूमती रहती हैं। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा होता है और ये परतें (प्लेटें) इसी लावे पर तैरती रहती हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप को भूकंप के खतरे के लिहाज से सीसमिक जोन 2,3,4,5 जोन में बांटा गया है। पांचवा जोन सबसे ज्यादा खतरे वाला माना जाता है। पश्चिमी और केंद्रीय हिमालय क्षेत्र से जुड़े कश्मीर, पूर्वोत्तर और कच्छ का रण इस क्षेत्र में आते हैं