कानपुर देहात के मंगलपुर थाने में तैनात एक महिला सिपाही ने अपने किराए के कमरे कमरे में स्टॉल से जिगले के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह साथ में रह रही महिला सिपाही ने उसके शव को फांसी पर लटका देखा तो वह बदहवास हो गई। उसने शोर मचाकर मकान मालकिन व पुलिस को सूचना दी। सूचना पर एसपी व एएसपी ने भी पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया है। वही फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलित किए हैं।
मंगलपुर थाने में तैनात साक्षी (23) कस्बे के ही तिराहे पर नरेंद्र सिंह गौर सेवानिवृत्त शिक्षक के मकान में ऊपरी मंजिल पर अपनी महिला सिपाही साथी सलोनी के साथ में एक कमरे में रह रही थी। वही दूसरी मंजिल पर उस कमरे के अलावा और सभी कमरे खाली हैं। पूरा मकान ऊपर खुला रहता था। दोनों सिपाही उसका उपयोग कर रहीं थी। शनिवार को सलोनी और साक्षी सहित अन्य फोर्स मंगलपुर से शिवली स्थित शोभन मंदिर में ड्यूटी पर गया था।
देर शाम करीब 8 बजे दोनों महिला सिपाही ड्यूटी से वापस आकर अपने कमरे में गई और खाना खाने के बाद सलोनी कमरे में सो गई। वही साक्षी दूसरे बगल के कमरे में मोबाइल में पिक्चर देखने लगी। सुबह करीब 6 बजे जब महिला सिपाही सलोनी की आंख खुली तो उसने अपने बगल में चारपाई पर साक्षी को नहीं पाया। उसने बगल वाले कमरे में देखा तो उसका शव जिगले में स्टॉल से लटका हुआ था। साक्षी को फांसी पर लटका देख कर सलोनी बदहवास हो गई। उसकी चीख निकल गई। उसने चिल्लाकर नीचे रह रही मकान मालकिन को आवाज दी। महिला सिपाही ने पुलिस को सूचना दी।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने अफसरों को जानकारी दी। इस पर एसपी केशव कुमार चौधरी एएसपी घनश्याम चौरसिया, सीओ आशा पाल सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। मौके का निरीक्षण करने के साथ उसके साथ रह रही महिला सिपाही से जानकारी ली। सुसाइड नोट की संभावना पर कमरे में रखी डायरी किताबों को भी खंगाला गया। फांसी लगाने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। मामले की सूचना उसके परिजनों को दी गई है।
मुजफ्फर नगर की रहने वाली थी साक्षी
महिला सिपाही साक्षी मुजफ्फर नगर जनपद के ग्राम सौरम थाना शाहपुर की रहने
वाली थी। उसकी नियुक्ति 18 मई 2019 को हुई थी। पहली पोस्टिंग मंगलपुर
थाने में 19 दिसंबर 2019 को हुई थी।