प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने आगरा से गौतम बुद्ध नगर तक जाने वाले यमुना एक्सप्रेस-वे (Yamuna Expressway) पर हादसों के मामले को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने केंद्रीय परिवहन मंत्रालय एवं प्रदेश के गृह सचिव से ब्योरे के साथ हलफनामा मांगा है. कोर्ट ने सरकार से कहा है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसे रोकने का तरीका बताया जाए|
यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की खंडपीठ ने भारती कश्यप की जनहित याचिका पर दिया है. याची का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर भारी ट्रैफिक रहता है. ट्रैफिक के नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं है. जिसकी वजह से भारी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं. पुलिस केवल वाहनों का चालान काट रही है और दुर्घटना के वास्तविक कारणों पता लगाकर रोक लगाने के उपाय नहीं कर रही है|
याचिका में कहा गया है कि वाहनों की स्पीड को नियंत्रित नहीं किया जा रहा है. जिसकी वजह से दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ रही है. गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था, साथ ही कुछ जरूरी कदम उठाने का भी आदेश दिया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सड़क सुरक्षा नियमों की भी पालना नहीं की गई. ऐसे में कोर्ट ने मामले पर चिंता जाहिर करते हुए केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय सहित राज्य सरकार के गृह सचिव से संपूर्ण ब्योरे के साथ उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 29 नवंबर को होगी|