मेरठ के चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में कोरोना को लेकर बनाई गई व्यवस्था से प्रभावित होकर एक कैदी ने विशेष पैरोल पर रिहा करने की पेशकश ठुकरा दी। कैदी ने कहा, जेल से नहीं जाऊंगा, बाहर तो कोरोना का खतरा है, वहां उसका जीवन असुरक्षित है। इस कैदी ने रिहा होने से इनकार कर दिया।
कारागार में बंदियों की भीड़ को देखते हुए शासन ने सजायाफ्ता कैदियों को विशेष पैरोल और विचाराधीन बंदियों को दो माह की अग्रिम जमानत देने की व्यवस्था की थी। अभी तक 326 विचाराधीन बंदियों को अग्रिम जमानत पर रिहा किया जा चुका है जबकि 42 कैदियों को विशेष पैरोल स्वीकृत हो चुकी है।
इनमें शामिल आशीष निवासी गाजियाबाद ने पैरोल पर रिहा होने से इनकार किया है। आशीष दहेज हत्या का आरोप था जो ट्रायल के दौरान खारिज हुआ। लेकिन आत्महत्या के लिए भड़काने को लेकर उसे छह साल की सजा सुनाई गई।
इसके बाद मार्च 2016 में आशीष जेल में पहुंचा। उसकी सजा के पांच साल बीत चुके हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडे ने बताया कि आशीष ने पैरोल पर रिहा होने से इनकार किया है। इसके पीछे की वजह उसने जेल के भीतर की कोरोना से जुड़ी व्यवस्था को बताया है। उन्होंने आशीष का लिखित पक्ष शासन को भेज दिया है।