देश के एकमात्र दंगा प्रशिक्षण केंद्र लोक व्यवस्था अकादमी (रैपो) मेरठ में 146 जवानों की 4 सप्ताह की ट्रेनिंग चल रही है। जिसमें रैपिड एक्शन फोर्स के प्रशिक्षित उच्च अधिकारी जवानों को भीड़ हिंसा से बचाव व दंगा नियंत्रण के लिए विशेष ट्रेनिंग दे रहे हैं। इसमें हाल ही में देश की सबसे महत्वपूर्ण घटना को केस स्टडी के रूप में शामिल किया गया है। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटना को केस स्टडी के रूप में पढ़ाया जा रहा है। जिसमें की जवानों को बताया व सिखाया जा रहा है कि भीड़ के सामने किस स्थिति में क्या करना है ? और क्या निर्णय लेना है? कैसे सावधानी बरतनी है।
4 सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग
रैपिड एक्शन फोर्स ( RAF) केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ( CRPF) की विंग है। रैपिड एक्शन फोर्स की मेरठ में 108 वी वाहिनी शताब्दी नगर में स्थापित है। RAF बटालियन के पास ही केंद्रीय लोक व्यवस्था अकादमी ( रेपो) भी स्थापित है। यह देश का एकमात्र ऐसा संस्थान है जो सभी फोर्स, पुलिस को भीड़ नियंत्रण व दंगा नियंत्रण के लिए नवंबर 2018 से ट्रेनिंग मुहैया करा रहा है। और यहां दूसरे देशों के अधिकारी व जवान भी प्रशिक्षण ले चुके हैं। 5 जुलाई 2021 से 146 जवान जो अलग-अलग बटालियन के हैं। और उनकी तैनाती सीआरपीएफ से RAF में हुई है। उन्हें दंगा नियंत्रण का प्रशिक्षण मेरठ में दिया जा रहा है। 4 सप्ताह का प्रशिक्षण है, जिसमें सभी बारीकी पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है।
विशेष प्रशिक्षण जहां हर जवान को करते हैं ट्रेंड
रेपो में पूर्व में सबसे पहले अखिलेश कुमार की कमांडेंट पद पर तैनाती हुई। बाद में अखिलेश कुमार डीआईजी बने और उन्हें रेपो मेरठ में ही DIG रेपो बनाया गया। DIG अखिलेश कुमार इस समय उप कमांडेंट, सहायक कमांडेंट और अन्य प्रशिक्षित अधिकारियों के साथ मिलकर विशेष ट्रेनिंग उपलब्ध करा रहे हैं। दंगा नियंत्रण में प्रयुक्त होने वाले अत्याधुनिक हथियारों की जानकारी, भीड़ नियंत्रित करने के लिए तकनीकि पहलू, भीड़ का मनोवैज्ञानिक लेवल, हिंसा से बचाव के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है। यहां उप कमांडेंट हरीश चंद नेगी, नीरज कुमार झा, सहायक कमांडेंट प्रमोद कुमार सिंह, गोविंद सिंह नेगी, अजीत कुमार प्रशिक्षण दे रहे हैं।
भीड़ को समझना सबसे महत्वपूर्ण निर्णय
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षित अधिकारी सभी जवानों को जहां दिल्ली हिंसा के बारे में केस स्टडी के तौर पर अलग-अलग पहलुओं पर जानकारी दे रहे हैं। वहीं उन्हें यह बताया जा रहा है कि जहां भी भीड़ जुटी, सबसे पहले भीड़ का मनोविज्ञान समझना बहुत ही जरूरी है। भीड़ किस स्थिति में है ? और उसके मंसूबे क्या है ? उनकी संख्या कितनी है, उनके पास हथियार हैं या नहीं, लाठी-डंडे है या नहीं, क्या वह नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन सभी तथ्यों को समझते हुए सर्विलांस निगरानी, ड्रोन कैमरे से निगरानी, वज्र वाहनों से बचाव, यदि भीड़ के पास ट्रैक्टर ट्रॉली या अन्य वाहन, पेट्रोल बम है ऐसे में बचाव के तरीके, और फोर्स के जवानों को क्या निर्णय लेना है। किस स्थिति में निर्णय लेना है। आंसू गैस के गोले किस कोण पर छोड़ने हैं, किस किस स्थिति पर आगे आना है। यह तमाम चीजें दंगा नियंत्रण ट्रेनिंग के दौरान बताई जा रही हैं।
RAF का उद्देश्य शांति मिशन
जिसमें जवानों को यह भी बताया जा रहा है कि RAF जिसकी पहचान पूरे देश में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों तक भी है। और दंगा नियंत्रण या अन्य भीड़भाड़ वाले मामलों में RAF ने शांति मिशन के रूप में अपने आप को स्थापित किया है। जिसकी एक विशिष्ट पहचान बन चुकी है। RAF का उद्देश्य किसी की जान लेना नहीं है, बल्कि भीड़ को नियंत्रण करना है। जिसमें कम से कम नुकसान हो, इसी उद्देश्य पर RAF दंगा नियंत्रण व भीड़ नियंत्रण की ट्रेनिंग उपलब्ध करा रही है।
26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई थी हिंसा
नए कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे। जहां किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाल की मांग की। सिंधु बार्डर, टीकरी बार्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली की सीमा में दाखिल हुए। गए। जिसके बाद आईटीओ पर काफी बवाल मचा। हजारों की संख्या में किसानों के पथराव के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हुए। वहीं, एक ट्रैक्टर पलटने से ट्रैक्टर चालक किसान की मौत हो गई थी। किसान और फोर्स व पुलिस के जवान घायल हुए। लालकिले पर झंडा फहराने को लेकर भी खूब बवाल मचा।