मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल में कथित तौर पर डॉक्टरों की लापरवाही के कारण 8 वर्षीय बच्ची की मौत के केस में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, बच्ची की मौत के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बता दें, मंगलवार (1 जून) को बच्ची के गले में लीची का बीज फंस गया था। ऐसे में उसके पिता उसे मुजफ्फरपुर जिला अस्पताल ले गए, जहां बच्ची की मौत हो गई।
लापरवाही का आरोप
बच्ची की मौत को लेकर उसके पिता ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इमरजेंसी में लाने के बाद बच्ची का इलाज करने से पहले डॉक्टरों ने कोरोना रिपोर्ट मांगी और जब तक कोरोना टेस्ट कराकर रिपोर्ट आई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बच्ची के इलाज में देरी हुई और उसने दम तोड़ दिया।
पिता का बयान
बच्ची का नाम राधा कुमारी था। उसके पिता संजय राम ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया और रोते हुए कहा, ‘राधा के गले लीची का बिया अटक गया था। जाते हैं तो एक घंटा से दौड़ा रहा है, इधर से उधर। कोई कहता है उस काउंटर पर, कोई कहता उधर जाओ, उधर जाते-जाते जान ले लिया।’
सिविल सर्जन ने जांच और कार्रवाई की बात कही
इस बीच सिविल सर्जन एसके चौधरी ने बुधवार (2 जून) को कहा कि इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने उन्हें बताया कि जब उन्हें अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। सिविल सर्जन ने कहा, ‘एक 8 साल की बच्ची की मौत हो गई। इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने मुझे बताया कि जब उसे यहां लाया गया तब वह मर चुकी थी।। मृतक के पिता ने कहा है कि लीची का बीज गले में फंस गया था।’ चौधरी ने आगे कहा कि हमने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने चिकित्सकों की लापरवाही को गंभीर करार देते हुए जांच और कार्रवाई की बात कही।