मिनटों में गायब होने वाला तारा समूह खगोल वैज्ञानिकों ने खोजा,अमेरिका-भारत सहित पांच देशों के साइंटिस्टों की खोज

खगोल वैज्ञानिकों के समूह ने अंतरिक्ष में कुछ मिनटों में ही गायब होने वाले तारों जैसे प्रकाश स्रोतों की खोज की है। यह नौ खगोलीय पिंडों का एक समूह है,जो 30 मिनट के भीतर अंतरिक्ष में ओझल हो गया। वैज्ञानिक अभी इस बात पर एकमत नहीं हैं कि यह तारे ही हैं या कुछ और? पर इस घटना का विवरण अंतरिक्ष में अब तक ज्ञात अन्य खगोलीय घटनाओं और पिडों से मेल नहीं खाता। स्वीडन, स्पेन, अमेरिका, यूक्रेन और भारत के खगोल वैज्ञानिकों के इस शोध को हाल ही में ‘नेचर’ की ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित किया गया है।

अंतरिक्ष के बारे में नई जानकारियों की तलाश में खगोल वैज्ञानिक पूर्व में लिए गए कुछ रहस्यमय चित्रों का अध्ययन कर रहे हैं। अमेरिका में कैलिफोर्निया स्थित पालोमर ऑब्जरवेटरी से 1950 में ग्लास प्लेट के उपयोग से सुदूर अंतरिक्ष में कुछ चमकते पिंडों के चित्र लिए गए थे। पर आधे घंटे बाद दोबारा जब इन पिंडों के चित्र लेने का प्रयास किया, तब तक ये अंतरिक्ष में ओझल हो चुके थे। तब से इन पिंडों के बारे में कुछ ठोस जानकारी नहीं है। खगोल विज्ञान के इतिहास में पहली बार कुछ मिनटों के भीतर ही चमकते पिंडों के एक पूरे समूह का दिखना और फिर गायब हो जाने का पता लगा था।

दुनिया के कुछ देशों के खगोल वैज्ञानिक बीते कुछ वर्षों से इस गुत्थी को सुलझाने के प्रयास में नए सिरे से जुटे हैं। नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेषण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक डॉ.आलोक गुप्ता भी इस अध्ययन टीम का हिस्सा हैं। डॉ.गुप्ता बताते हैं कि यह खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अब तक ज्ञात हर जानकारी से बाहर की चीज प्रतीत होती है। इसके बारे में वैज्ञानिक पक्के तौर पर केवल एक बात कह सकते हैं कि इन चित्रों में तारों जैसे प्रकाश स्रोत हैं, जिन्हें वहां नहीं होना चाहिए। पर वैज्ञानिक इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि आखिर महज 30 मिनट में सितारों का समूह ओझल कैसे हो सकता है? 

प्रदूषण की भी जांच: वैज्ञानिक इस बात का भी पता लगा रहे हैं कि क्या फोटोग्राफिक प्लेट रेडियोसक्रिय कणों से दूषित थे? जिसकी वजह से फोटोग्राफिक प्लेट पर तारों की चमक का भ्रम हुआ है। इस पर विस्तृत अध्ययन चल रहा है। 

इन्सानी उपग्रह छोड़ने से पहले का चित्र
दरअसल, पचास के दशक तक किसी भी देश ने अंतरिक्ष में अपना कृत्रिम उपग्रह नहीं छोड़ा था। इसलिए वैज्ञानिकों ने इन चमकते नौ पिंडों के समूह में कोई कृत्रिम उपग्रह होने, सुपरनोवा विस्फोट या ब्रह्मांड में अब तक ज्ञात किसी भी वस्तु के होने की संभावना से भी इन्कार किया है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह कोई नई वस्तु है, जिसके बारे में खगोल वैज्ञानिकों के पास अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं है। इस रहस्य को जान लेना, अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जैसा होगा।

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