घरेलू हिंसा के एक मामले में ऐतिहासिक फैसला देते हुए कोडरमा के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, ईला कांडपाल की अदालत ने एक वृद्ध माता को चिकित्सीय खर्च के रूप में 50 हजार रुपये प्रतिमाह देने का आदेश उसके पुत्र को दिया है। साथ ही वृद्धा को उनके घर में सुरक्षित वापस लाने और घर से वृद्धा को बेदखल कर वहां रह रहे पुत्र व पौत्र को पीडि़ता के घर से निकलने का आदेश दिया है। मामला शहर के नामचीन व्यवसायी और समाजसेवी रहे स्व. प्रीतम सिंह कालरा के परिवार से जुड़ा है। प्रीतम सिंह कालरा की पत्नी 78 वर्षीय राजरानी ने अपने बड़े पुत्र कुलबीर सिंह कालरा व पौत्र गौतम सिंह कालरा पर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त करने आरोप लगाते हुए न्यायालय की शरण ली थी।अदालत में उन्होंने कहा कुछ वर्ष पहले मेरे पति वृद्धावस्था के कारण कई बीमारियों से ग्रसित हो गए तो बड़े बेटे कुलबीर सिंह कालरा को पत्नी व बच्चों के साथ अपने आवास में रहने व स्वास्थ्य तथा व्यवसाय की देखभाल करने को कहा |