महाशिवरात्रि पर 24 फरवरी के दिन बाबा भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह के खास मौके पर रानीभवानी मंदिर में जनवासा सजेगा। जयकारों व भजन-कीर्तन के बीच श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में भक्तों के साथ पूरी रात देवाधिदेव महादेव जागेंगे। विधिविधान से गर्भगृह में बाबा की झांकी सजाई जाएगी। विवाह की रस्मों के प्रतीक चारों प्रहर की आरती होगी। इस दिन अटूट दर्शन होता है। 24 की भोर में बाबा दरबार के पट खुलेंगे तो 25 फरवरी की रात में ही बंद होंगे। ऐसा केवल महाशिवरात्रि के मौके पर ही होता है।
इस पर्व विशेष को लेकर बुधवार को फूल-पत्तियों से पूरे परिसर को सजाया जाएगा। सजावट में कामिनी की पत्तियों के साथ ही बेलपत्र तथा बेला, गुलाब, गेंदा व जूही के फूलों का इस्तेमाल किया जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन भोर की मंगला आरती के समय ही बाबा का विशेष शृंगार होगा। इस दिन मंगला आरती नियत समय भोर में तीन बजे से 45 मिनट पहले 2.15 बजे शुरू होकर 3.15 बजे समाप्त होगी। भोर 3.30 बजे मंदिर का पट दर्शनाथियों के लिए खोल दिया जाएगा। साथ ही दर्शन-पूजन का क्रम शुरू हो जाएगा। दोपहर 12 बजे भोग आरती के दौरान आधा घंटा तक दर्शन-पूजन बंद रहेगा।
12.30 बजे पुन: दर्शन शुरू होगा जो रात्रि 10.30 बजे तक चलेगा। इस दौरान नारकोट क्षेत्रम् द्वारा रात्रि में चारों प्रहर की आरती के लिए अलग-अलग पूजन सामग्र्री, प्रसाद व माला-फूल प्रदान किया जाएगा। इसे रानीभवानी मंदिर परिसर में जनवासे का रूप देकर वहीं रखा जाएगा। साथ ही रात्रि 11 बजे से शुरू होने वाली चारों प्रहर की आरती के दौरान भक्तों का हुजूम गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का जयकारा लगाते हुए स्वयं भजन-कीर्तन करते हुए विवाह के प्रतीक आरती में शामिल होगा। इस दिन मंदिर रातभर खुला रहेगा और दर्शन-पूजन का क्रम भी अनवरत चलता रहेगा। 25 फरवरी की रात 11 बजे मंदिर का कपाट बंद होगा। विश्वनाथ मंदिर के अलावा अन्य शिवालयों में रंगरोगन के साथ ही विद्युत सजावट का काम जोर-शोर से चल रहा है।
निर्धारित समय पर होगी चारों प्रहर की आरती
– श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एसएन त्रिपाठी के मुताबिक महाशिवरात्रि के दिन चारों प्रहर की आरती का समय निर्धारित है।
प्रथम प्रहर : रात्रि 10.50 बजे शंख बजेगा, गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश रोककर पूजा की तैयारी होगी। ठीक 11 बजे से आरती शुरू होगी जो 12.30 बजे संपन्न होगी।
द्वितीय प्रहर : रात्रि 1.20 बजे से गर्भगृह में प्रवेश रोककर तैयारी होगी और 1.30 बजे से आरती शुरू होकर 2.30 बजे समाप्त होगी।
तृतीय प्रहर : रात्रि 2.55 बजे से गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश रोककर तैयारी व तीन बजे से भोर में 4.25 बजे तक आरती होगी।
चतुर्थ प्रहर : भोर में 4.55 बजे गर्भगृह में दर्शनार्थियों का प्रवेश रोककर पांच बजे से आरती शुरू होगी और 6.15 बजे आरती का समापन होगा।