नई दिल्ली
अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा Kashmir पर मध्यस्थता का ऑफर देने के बाद शुक्रवार को जब पहली बार भारत और अमेरिका के विदेश मंत्री आमने-सामने बैठे तो इसका भी जिक्र हुआ। इस दौरान भारत ने अमेरिका से दो टूक कह दिया कि कश्मीर पर बातचीत की अगर जरूरत पड़ी तो यह केवल Pakistan से होगी और सिर्फ द्विपक्षीय होगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बीच वार्ता थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में हुई। जयशंकर यहां आसियान-भारत मंत्रिस्तरीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच समेत कई बैठकों में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
यहां आसियान से इतर द्विपक्षीय वार्ता के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कश्मीर पर भारत के रुख को एक बार फिर स्पष्ट किया। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘(अमेरिका के विदेश मंत्री) पोम्पियो से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई। अमेरिकी समकक्ष पोम्पियो को आज सुबह स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय होगी।’ आपको बता दें कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात के समय कश्मीर पर
इससे पहले ट्रंप का बयान सामने आने के फौरन बाद ही भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि कश्मीर पर विवाद द्विपक्षीय मामला है और इसमें मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है। गौर करने वाली बात यह है कि ट्रंप के इस बयान का अमेरिका में भी विरोध हुआ। शायद यही वजह है कि थाइलैंड में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात से कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने कश्मीर पर अब सधी हुई प्रतिक्रिया दी। हालांकि मध्यस्थता की रट वह अब भी लगाए हुए हैं।
अब ट्रंप बोले, भारत चाहे तो..
ट्रंप ने अब अपने पुराने बयान को ट्विस्ट करते हुए कहा कि यह पूरी तरह से भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह कश्मीर मामले के समाधान के लिए किसी की मदद लेना चाहते हैं या नहीं। आगे उन्होंने कहा कि अगर दोनों पड़ोसी देश पुराने मामले को निपटाने के लिए उनकी मदद लेना चाहते हैं तो वह तैयार हैं।
ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के साथ हाल की मुलाकात को लेकर कहा कि इस मसले पर दोनों देशों के बीच बात हुई है। ट्रंप से भारत द्वारा कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रस्ताव को ठुकराने पर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘यह पूरी तरह पीएम मोदी का फैसला होगा (कश्मीर पर मध्यस्थता को स्वीकार करना है या नहीं)।’
यह बोले थे ट्रंप
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने भारत को लेकर विवादित बयान दे दिया था। दरअसल, ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी। ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि भारत हल चाहता है और पाकिस्तान भी। यह मसला 70 साल से चल रहा है। मुझे इसमें मध्यस्थता करने पर खुशी होगी। इसके बाद भारत की सियासत में भूचाल आ गया था।
ट्रंप के इस बयान पर सदन में सरकार को सफाई देनी पड़ी थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि पीएम मोदी ने कभी भी ट्रंप से कश्मीर मुद्दे पर बात नहीं की। अब विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी समकक्ष से आमने-सामने की बातचीत में भी कश्मीर पर दो टूक बात कह दी है।