इंफाल । मणिपुर में शनिवार को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किये गये हैं। 60 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में पहले चरण का मतदान शनिवार सुबह 7 सात बजे शुरु होगा। सूबे के पहले चरण की 38 विधानसभा सीटों के लिए 1,643 पोलिंग स्टेशन बनाए गये हैं। जिसके दायरे में पश्चिमी और पूर्वी इंफाल, विष्णुपुर और मणिपुर का पहाड़ी क्षेत्र चूरचांदपुर और कांगपोक्पी आता है।
मणिपुर के पहले चरण में कुल 168 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनका चुनाव यहां की 19,02, 562 जनता करेगी। इसमें 9,28,573 पुरुष मतदाता है। जबकि 9,73, 989 महिला मतदाता शामिल हैं। वहीं इस बार 45, 642 ऐसे युवा मतदाता हैं, जो पहली बार मतदान का प्रयोग करेंगे।
मणिपुर के चुनाव प्रचार के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने यूनाइटेड नागा काउंसिल की ओर से राज्य में आर्थिक नाकेबंदी और राज्य सरकार की नाकामयाबी के मुद्दे पर मुख्य फोकस किया। जबकि यहां का दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा भ्रष्टाचार, फंड का दुरुपयोग और कानून व्यवस्था रहा। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के बाकी नेताओं ने वर्ष 2015 में केंद्र और नागा संगठनो के बीच समझौते के मुद्दा को आगे रखकर चुनाव प्रचार किया।
भाजपा नेताओं की ओर से राज्य के दो हाईवे के बंद होने और तीन माह के आर्थिक नाकेंबंदी के मुद्दे को अपने चुनाव प्रचार में हवा दी गयी। साथ ही कांग्रेस के शासनकाल में भ्रष्टाचार और पीने लायक पानी के मु्द्दे पर चुनाव प्रचार किया। हालांकि कांग्रेस ने अपने 15 साल के शासन में बिजली सप्लाई समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने एक चुनावी रैली में भाजपा पर कांग्रेस के शासनकाल में शुरु किये गये रेल प्रोजेक्ट समेत दूसरे प्रोजेक्ट का श्रेय लेने का आरोप लगाया।
इस चुनाव में सूबे की सियासत में सभी की नजरें सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला पर होंगी। जिन्होंने हाल ही में अपनी 16 वर्षीय लंबी भूख हड़ताल को समाप्त कर एक नई पार्टी बनाकर चुनावी मैदान में हैं। इरोम शर्मिला की नई पार्टी का नाम पीपल्स रिसर्जेंट एंड जस्टिस एलायंस है। पार्टी की ओर से चुनाव में तीन उम्मीदवारों को उतारा गया है। जिसमें से एक उम्मीदवार के भविष्य का चुनाव पहले चरण के मतदान से होगा।