नहरों में पानी, बिजली की पर्याप्त आपूर्ति, बंद कोल्ड स्टोरेज को चालू कराने के लिए दलों को यह प्रमुख बातें अपने एजेंडे में रखनी चाहिए, तभी किसानों के उत्थान और विकास संभव हो सकेंगे। सोमवार को आओ राजनीतिक करें संवाद के तहत घोसी तहसील के ब्लाक सभागार में किसानों ने अपनी राय को बेबाकी के साथ रखा। किसानों ने कहा कि गन्ना और आलू की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। गलत सर्वे और रिपोर्ट से चीनी मिल बंदी के कगार पर पहुंच रही है।
किसान धर्मेन्द्र राजभर ने कहा कि तहसील क्षेत्र में किसानों के विकास और प्रोत्साहन के लिए अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए है। इससे खेती के प्रति किसानों का मोह भंग हो रहा है। श्याम अवतार राही ने कहा कि किसानों को अपनी फसलों का वाजिब मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। इसलिए किसान फसलों की बुवाई में अब रुची लेना छोड़ दिए हैं। यह सभी के लिए खतरे की घंटी है। राजकुमार यादव ने कहा कि पर्याप्त बिजली की आपूर्ति नहीं होने के चलते किसान फसलों के ठीक समय में सिंचाई नहीं कर पाता है। इससे फसलों के उत्पादन पर काफी प्रभाव पड़ता है। किसान विजेन्द्र ने कहा कि जिले में सरकारी कोल्ड स्टोरेज बंद चल रहे हैं।
किसान राम विलास ने कहा कि नहरों में पानी नहीं आने के चलते किसान फसलों को बचाने के लिए कोई उपाय नहीं कर पाता। जिससे किसानों की कमर टूट रही है। किसान राजविजय ने कहा कि घोसी चीनी मिल की ओर से किसानों को सही समय से पर्ची नहीं मिलने के कारण वह गन्ने को मील तक नहीं ले आ पाता। किसान विनय ने कहा कि किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाएं भी विभागीय भेंट चढ़ जा रही है। इस पर कार्रवाई की जानी जरुरी है। किसान मुकेश ने कहा कि किसानों की समस्या निस्तारित नहीं किए जाने से देश में अन्न जैसी संकट से जूझना पड़ रहा है।