विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बावजूद स्थानीय वायदा कारोबार में बृहस्पतिवार को खाद्य तेलों के भाव टूटने से सोयाबीन और सीपीओ तेल कीमतों में गिरावट का रुख रहा जिसकी वजह से बाकी खाद्य तेलों के भाव भी नरम रहे। स्थानीय मांग प्रभावित होने से सोयाबीन तेल, सीपीओ एवं पामोलीन, बिनौला तेल तथा सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई। वहीं, इंदौर के संयोगितागंज अनाज मंडी में गुरुवार को चना कांटा 100 रुपये और मसूर के भाव में 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई। आज चना की दाल 100 रुपये प्रति क्विंटल महंगी बिकी।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कुछ बड़ी तेल कंपनियों के मलेशिया और अर्जेन्टीना में प्रसंस्करण की मिलें हैं और वे अपने फायदे के लिए जानबूझकर वायदा कारोबार के माध्यम से तेल कीमतों में घट बढ़ लाती हैं। आयातक जिस भाव पर तेल का आयात करते हैं, वहीं वायदा कारोबार में उन तेलों के भाव लगभग 1,000 रुपये क्विन्टल नीचे चलाया जाता है। इस उतार चढ़ाव के जरिये वे खुदरा कारोबारियों, तेल आयातकों और देश के तिलहन किसानों को तबाह करते हैं ताकि देश खाद्य तेल उत्पादन के मामले में कभी आत्मनिर्भर न बन सके। उन्होंने कहा कि तेल-तिलहन उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार के तमाम प्रयासों पर पानी फेरने की कोशिशों पर प्रभावी अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
- सरसों तिलहन – 5,900 – 5,950 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
- मूंगफली दाना – 6,020- 6,085 रुपये।
- मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,850 रुपये।
- मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,380 – 2,440 रुपये प्रति टिन।
- सरसों तेल दादरी- 11,650 रुपये प्रति क्विंटल।
- सरसों पक्की घानी- 1,920 -2,010 रुपये प्रति टिन।
- सरसों कच्ची घानी- 2,050 – 2,165 रुपये प्रति टिन।
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 13,500 – 16,500 रुपये।
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,700 रुपये।
- सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,500 रुपये।
- सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,450 रुपये।
- सीपीओ एक्स-कांडला- 10,500 रुपये।
- बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,800 रुपये।
- पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,300 रुपये।
- पामोलिन कांडला 11,400 (बिना जीएसटी के)
- सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी 5,360 – 5,410 रुपये,
- लूज में 5,210- 5,260 रुपये
- मक्का खल (सरिस्का) 3,530 रुपये
मलेशिया एक्सचेंज में 1.25 प्रतिशत तथा शिकागो एक्सचेंज में लगभग चार प्रतिशत की तेजी थी। सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन रिफाइंड का भाव आयात करने पर भाड़ा जोड़कर 12,600 रुपये क्विन्टल बैठता है, जबकि वायदा कारोबार में भाव 11,500 रुपये क्विन्टल चलाया जा रहा है। सबसे मजेदार बात यह है कि तेल कीमतों में कमी का फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिलता बल्कि ऊंचे भाव पर उन्हें इन तेलों को खरीदना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि मलेशिया जैसे देश में तेल रखने की जगह न होने और निर्यात मांग कम होने के बावजूद तेलों के भाव अधिक हैं और अपनी घरेलू आवश्यकताओं के लिए लगभग 70 प्रतिशत खाद्य तेलों के आयात पर निर्भर करने वाले देश, भारत में खाद्य तेलों के बाजार भाव आयात के खर्च से कहीं काफी नीचे होते हैं। इस पहेली को सुलझाा लिया गया तो तेल के मामले में हम सही मायने में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से वायदा कारोबार में भाव कमजोर होने से सरसों, बिनौला, सोयाबीन तेल, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतें कमजोर रहीं। जबकि निर्यात के लिए सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की अच्छी मांग होने से सोयाबीन दाना और लूज के भाव पूर्ववत रहे। सामान्य कारोबार के बीच अधिकांश तेल-तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए।
इंदौर में चना कांटा, मसूर के भाव में वृद्धि
दलहन
- चना (कांटा) 5150 से 5200,
- मसूर 5400 से 5450,
- तुअर (अरहर) नई निमाड़ी 6200 से 6700, तुअर सफेद (महाराष्ट्र) 6800 से 6850, तुअर लाल (कर्नाटक) 7100 से 7200,
- मूंग 7500 से 7800, मूंग हल्की 6000 से 6800,
- उड़द 7500 से 7800, हल्की 5600 से 6800 रुपये प्रति क्विंटल।
दाल
- तुअर (अरहर) दाल सवा नंबर 8900 से 9200,
- तुअर दाल फूल 9300 से 9400,
- तुअर दाल बोल्ड 9600 से 9800,
- नई तुअर दाल 9900 से 10200,
- चना दाल 6250 से 6750,
- मसूर दाल 6450 से 6750,
- मूंग दाल 8500 से 8800,
- मूंग मोगर 9200 से 9600,
- उड़द दाल 8600 से 9000,
- उड़द मोगर 10000 से 10800 रुपये प्रति क्विंटल।
चावल
- बासमती (921) 9000 से 9500,
- तिबार 7500 से 8000,
- दुबार 6500 से 7000,
- मिनी दुबार 6000 से 6500,
- मोगरा 3500 से 5500,
- बासमती सैला 5500 से 7000,
- कालीमूंछ 5000 से 7000,
- राजभोग 5900 से 6000,
- दूबराज 3500 से 4000,
- परमल 2500 से 2700,
- हंसा सैला 2500 से 2600,
- हंसा सफेद 2300 से 2400,
- पोहा 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल।