भोपाल। हमीदिया अस्पताल में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां कोविड वार्ड की शुक्रवार रात पौने सात बजे बिजली गुल हो गई। जनरेटर भी करीब 15 मिनट चलने के बाद बंद हो गया। बिजली गुल होने के कुछ देर बाद वेंटिलेटर भी बंद हो गए। इस दौरान वेंटिलेटर सपोर्ट पर चार मरीज थे। डॉक्टरों ने अंबू बैग के जरिए इन मरीजों को ऑक्सीजन दी, लेकिन मरीजों की हालत बिगड़ गई। इनमें करीब तीन घंटे बाद 67 साल के भोपाल निवासी अकबर नामक मरीज की मौत हो गई, सहित तीन मरीजों की मौत हो गई। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में भोपाल कमिश्नर के नेतृत्व में जांच कराने और शाम तक जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि ऐसा है, तो यह गंभीर लापरवाही है तथा शाम तक जांच कर इसकी रिपोर्ट दी जाए। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने घटना को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
हमीदिया अस्पताल में बिजली जाने से तीन मरीजों की मौत हो चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने दुर्भाग्यपूर्ण और बड़ी लापरवाही बताया। हमीदिया अस्पताल में 5 बजकर 58 मिनिट पर लाइट गई, वहां बैकअप के इंतजाम है। मेंटेनेंस के भी निर्देश दिए गए थे, लेकिन जनरेटर 10 मिनिट के बाद बंद हो गया था। तत्काल प्रभाव से पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है, डीन को नोटिस दिया गया है। जांच रिपोर्ट आज ही दी जाएगी, जो दोषी है कार्रवाई होगी। मंत्री ने कहा, हमीदिया प्रशासन ने जो रिपोर्ट दी है, उसके मुताबिक लाइट जाने के कारण मृत्यु नहीं हुई। जिन मरीज़ों को वेंटिलेटर पर रखा था उनका 2 घंटे का बैकअप था। एक घंटे के भीतर बिजली आ गई थी, 3 मरीजो की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है।
बिजली जाते ही कोविड आइसीयू में चीख-पुकार मच गई
कमला नेहरू अस्पताल के पास बने पावर स्टेशन में फाल्ट की वजह से बिजली गुल हुई थी। इसके बाद जनरेटर अपने आप चालू हो गया, लेकिन थोड़ी देर में एयर बनने की वजह से बंद हो गया। बिजली जाते ही कोविड आइसीयू में चीख-पुकार मच गई। आइसीयू में भर्ती 11 मरीजों में चार वेंटिलेटर व बाकी ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। बिजली जाने के करीब आधे घंटे बाद वेंटिलेटरों का पावर बैकअप भी जवाब दे गया। वार्ड में मौजूद चिकित्सकों ने अंबू बैग व पाइप के जरिए मरीजों को ऑक्सीजन देने की कोशिश की, लेकिन पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से दो मरीजों की हालत बिगड़ गई। इनमें रात 10:40 बजे अकबर नामक मरीज की मौत हो गई।
बिजली गुल होने की जानकारी पर संभागायुक्त कवींद्र कियावत, डीन डॉ. अरुणा कुमार व सभी विभागाध्यक्ष अस्पताल पहुंच गए। रात साढ़े आठ बजे बिजली सुधरी। इस दौरान वार्डों में मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया गया। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन व पीडब्ल्यूडी की बड़ी लापरवाही यह रही कि जनरेटर को दुरुस्त नहीं रखा। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा कि सुबह ही जनरेटर को चालू करके देखा था। सब कुछ ठीक था।