मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। वह दिन दूर नहीं जब रेलवे स्टेशन पर फेंकी जाने वाली खाली बोतलों को रीसाइकिल करके टीशर्ट व टोपियां बनाई जाएंगी। रेलवे इसका सफल परीक्षण कर चुका है और जल्द ही इसे सभी स्टेशनों पर लागू किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन अभियान को नई उंचाई देने वाले इस प्रयास को काफी सराहा जा रहा है क्योंकि पानी की खाली बोतलें भी अब काम आएंगी और रेलवे को भी फायदा पहुंचेगा। मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर भी जल्द यह मशीन लगाई जाने वाली है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार पूरे देश में रोजाना रेलवे में 16 लाख बोतलें इस्तेमाल की जाती हैं। प्रति स्टेशन औसतन 300 बोतल पानी का उपयोग रेलयात्री करते हैं और बोतलों को यूं ही स्टेशन व डस्टबिन में फेंक देते हैं। यह योजना देश के 2250 स्टेशनों पर लागू की जाएगी जिससे रोजाना पचास हजार से ज्यादा टीशर्ट व टोपियां बनाई जा सकेंगी। इस योजना के तहत खाली बोतलों को क्रश करके रिसाइकिल करके टीशर्ट और टोपियां बनेंगी। रेलवे पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि इस योजना से कई फायदे होंगे। आने वाले समय में इसका विस्तार सभी स्टेशनों तक किया जाना है जिसकी तैयारियां चल रही हैं। हर स्टेशन पर एक क्रङ्क्षशग मशीन लगाई जाएगी जहां से क्रश किया हुआ कच्चा माल टीशर्ट व टोपी निर्माता कंपनी इस्तेमाल करेगी। कई स्टेशनों पर सफल परीक्षण के बाद इसके विस्तार की योजना चल रही है।
मिलेगा कैश बैक का आफर
इसके लिए रेलवे स्टेशन पर ऐसे डस्टबिन लगाए जाएंगे जहां पर यात्री इन बोतलों को क्रश करके डाल सकते हैं। योजना के अनुसार प्रति बोतल पांच रुपये का कैशबैक भी यात्रियों को दिया जा सकता है। रेलवे स्टेशन पर लगने वाली इस मशीन में प्रतिदिन 300 पानी की बोतलें क्रश की जा सकेंगी। एक टीशर्ट तैयार करने में 12 बोतलें लगेंगी। जबकि एक टोपी बनाने में तीन क्रश की गई बोतलों का इस्तेमाल किया जाएगा।
बोले अधिकारी
यह रेलयात्रियों व रेलवे दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे स्वच्छता बढ़ेगी और खाली बोतलों का सही इस्तेमाल हो सकेगा। कैश बैक के लिए पेटीएम जैसी कंपनियों से भी टाइअप किया जा रहा है। – अमित मालवीय, रेलवे पीआरओ।