भारत में सिर्फ 25 फीसदी महिलाएं ही नौकरीपेशा

विश्व के करीब 155 देशों में महिलाओं को आज भी पुरुषों के मुकाबले काफी कम वेतन मिलता है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व के सभी देशों में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ हिंसा रोकने के उपाय भी कारगर साबित होते नहीं दिख रहे हैं। इसके अलावा लड़कियों के शिक्षा के स्तर में भी सुधार नहीं आया है। अकेले दक्षिण एशिया में 1990 तक केवल 74 लड़कियां 100 लड़कों के मुकाबले प्राथमिक स्तर की पढ़ाई में एडमीशन ले पाती थीं। 2012 तक इस अनुपात में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आई।

pithoragarh-women-queued-to-take-money-in-the-state-bank_1480697867महिलाओं को मिलता है पुरुषों के मुकाबले कम वेतन

अगर महिलाओं की सुरक्षा की बात करें तो भारत में स्थिति काफी खराब है।

देश की राजधानी दिल्ली भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में औसतन 92 फीसदी महिलाएं पब्लिक प्लेस में यौन हिंसा का शिकार होती हैं।सरकार इसको कम करने के लिए काफी प्रयास कर रही है, लेकिन अभी इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। इसके साथ ही विश्वभर में भी महिलाओं पर होने वाली हिंसा में किसी प्रकार की कोई कमी देखने को नहीं मिली है। आंकड़ों के मुताबिक, विश्वभर में 3 में से एक महिला यौन हिंसा का शिकार होती है।

आधी आबादी में केवल 25 फीसदी करती हैं नौकरी

देश में आधी आबादी की हिस्सेदारी 48.5 फीसदी के करीब है, लेकिन केवल 25.51 फीसदी महिलाएं ही नौकरी या फिर अपना व्यापार करती हैं। जहां 100 फीसदी लड़कियां प्राइमरी लेवल तक पढ़ाई करती हैं, वहीं इनमें से केवल 33.7 फीसदी कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर पाती हैं।

इस तरह केवल 65.46 फीसदी महिलाएं साक्षर हैं, जबकि पुरुषों में इसका स्तर 80 फीसदी है। देश की राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में भी महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है। जहां लोकसभा में महिलाओं का प्रतिशत 11.9 है, वहीं पंचायतों में इसका स्तर 46.7 फीसदी है।

 
 

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