भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि योगी सरकार द्वारा जनता के हित में लिए जा रहे फैसले और भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुई मुहिम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हताश हो गए हैं। इसलिए वे चुनाव में मिली करारी हार की समीक्षा करने की बजाए ईवीएम मशीनों पर सवाल उठा कर जनादेश का मजाक उड़ा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि अखिलेश सरकार में हुए भ्रष्टाचार और गुंडाराज से त्रस्त उत्तर प्रदेश की जनता ने उनको नकार दिया। अब अखिलेश ईवीएम पर सवाल उठा कर अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी हताशा का एक कारण भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार की मुहिम भी है।
प्रवक्ता ने कहा कि ‘सीएम योगी ने रिवर फ्रंट घोटाला, एक्सप्रेस वे घोटाला, एलडीए में प्लांटों के भूपयोग बदलने का घोटाला, जेपीएनआईसी घोटालों पर जांच बैठा दी है।’
शलभ मणि ने कहा कि लगातार सामने आ रहे इन घोटालों के चलते अखिलेश की हताशा इस अंजाम तक पहुंच गई है कि वो एक बार फिर नए गठबंधन की बात करने लगे हैं। यह जानते हुए भी कि राहुल गांधी के साथ उनके गठबंधन को जनता पूरी तरह नकार चुकी है और अब राहुल और अखिलेश जनता के बीच एक साथ जाने से भी घबरा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि गठबंधन के लिए उतावले अखिलेश को ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी ही पार्टी ने किस तरह गेस्ट हाउस कांड में बहन मायावती पर कातिलाना हमला किया था। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनकी ही कैबिनेट के सबसे मजबूत मंत्री आजम खान ने बाबा साहब की मूर्तियों के लिए किन शब्दों का प्रयोग किया था?