लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार ने नोएडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई जांच से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकीलों पर 21.15 लाख रुपए खर्च किए थे। यह जानकारी एक आरटीआई में सामने आई है। इसे आरटीआई वर्कर नूतन ठाकुर ने फाइल किया था।
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, तब की सपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यादव सिंह की पैरवी के लिए चार सीनियर एडवोकेट अप्वाइंट किए थे। इनमें कपिल सिब्बल को 8.80 लाख रु., हरीश साल्वे को 5 लाख, राकेश द्विवेदी को 4.05 लाख और दिनेश द्विवेदी को 3.30 लाख रुपए दिए गए थे। यानी वकीलों को 21.25 लाख रुपए की पेमेंट की गई। नूतन के मुताबिक, “यह वास्तव में अफसोसजनक है कि यादव सिंह जैसे दागी को बचाने के लिए राज्य सरकार ने इतनी भारी धनराशि खर्च की। जांच कराकर योगी सरकार को पूरा पैसा वसूलना चाहिए।
बता दें, नूतन की ओर से दायर पिटीशन पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया था। अखिलेश सरकार ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल परमिशन पिटीशन दायर की थी जो 16 जुलाई 2015 को पहली सुनवाई के दिन ही खारिज हो गई।