रिजर्व बैंक ने 1 जनवरी 2017 से 31 मार्च 2017 तक डेबिट कार्ड से 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को भी तर्कसंगत बनाया है। बुधवार को जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, डिजिटल और कार्ड से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय के बैंकिंग डिवीजन ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को जनता के हित में आईएमपीएस और यूपीआई से भुगतान करने पर चार्ज नहीं लेने को कहा है, साथ ही नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए 1,000 रूपये से ज्यादा के भुगतान पर भी सिर्फ सेवा कर ही लेने को कहा है।
इसके साथ ही यूएसएसडी के जरिए 1,000 रूपये से ज्यादा के भुगतान पर भी पचास पैसे की छूट देने को कहा है। यह शुल्क 31 मार्च 2017 तक के सभी लेन-देन के लिए लागू होगा।
एनईएफटी मतलब नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड्स ट्रांसफर है। यह ऑनलाइन पेमेंट का रास्ता है। इसके जरिए किसी एक बैंक खाते से दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।