चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब एवं हरियाणा हाई काेर्ट में बेहद दिलचस्प मामला सुनवाई के लिए आया। एक व्यकित ने वैवाहिक विवाद में पत्नी को गुजारा भत्ते में नकदी की बजाय राशन देने की मांग की। पति की इस मांग को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पत्नी को दिए जाने वाले राशन व उसकी मात्रा भी तय कर दी। यह शायद देश का इकलौता मामला होगा जिसमें गुजारा भत्ते में कोर्ट ने रुपये की जगह राशन देने की छूट दी हो।
देश में इस तरह का संभवत: पहला मामला, पति ने गुजारे भत्ते के रूप में राशि देेने में जताई थी असमर्थता
मामला भिवानी जिले के एक दंपती का है। इस व्यक्ति का अपनी पत्नी से विवाद चल रहा है। दोनों के बीच विवाद इस मोड़ पर पहुंच गया कि पति और पत्नी अलग रहने लगे। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद भिवानी कोर्ट में सुनवाई हुई। पत्नी ने कोर्ट में गुजारे के लिए पति से राशि दिलाने की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने पति को आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी को हर महीने एक तय राशि का दिया करे।
घरेलू विवाद के बाद अलग रह रही पत्नी को गुजारा भत्ता देने का भिवानी कोर्ट ने दिया था आदेश
पति ने भिवानी कोर्ट के आदेश के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट अपील की। पति ने अपनी याचिका में कहा कि वह कोर्ट द्वारा तय राशि देने में सक्षम नहीं है। वह नकदी की बजाय पत्नी को गुजारे के लिए घर का राशन दे सकता है।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि वह पहले एक कंपनी में काम करता था। अब कंपनी बंद हो गई। ऐसे में अब वह पैसे नहीं दे सकता। उसने कहा कि वह अपनी पत्नी को 20 किलो चावल, पांच किलो चीनी, पांच किलो दाल, 15 किलो अनाज, पांच किलो देसी घी के अलावा दो किलो दूध रोजाना दे सकता है।
हाई कोर्ट ने पति की मांग स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि वह तीन दिन के भीतर यह सामान अपनी पत्नी को दे। साथ में गुजारा भत्ते की बकाया राशि का भुगतान करे। हाई कोर्ट ने उसे पत्नी को हर तीन माह पर तीन सलवार सूट भी सिलवा कर देने का आदेश भी दिया। हाई कोर्ट ने उसे इस बारे में अगली सुनवाई पर हलफनामा देकर जानकारी दे कि उसने पूरा भुगतान कर दिया है। इसी के साथ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई पर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
पति को पत्नी को देनी होगी ये चीजें-
– 20 किलोग्राम चावल। (हर माह)
– पांच किलोग्राम चीनी। (हर माह)
– पांच किलोग्राम दाल। (हर माह)
– 15 किलोग्राम गेहूं व अन्य अनाज। (हर माह)
– पांच किलोग्राम देसी घी। (हर माह)
– दो लीटर दूध। (प्रतिदिन)
– हर तीन माह पर तीन सलवार-सूट सिलवाकर देने होंगे।