अशोक कुमार गुप्ता,लखनऊ : बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओ ने केशव प्रसाद मौर्या को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे है . कार्यकरताओ का कहना है कि मोदी जी के नेत्रित्व ने पार्टी की बड़ी जीत दिलाया . इसके पीछे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सोशल इंजीनियरिंग ने अहम भूमिका निभाई जिसके चलते गैर यादव पिछड़ी जातियों ने एक होकर बीजेपी को वोट दिया . अगर बीजेपी को यूपी में यह पकड़ बरकरार रखनी है तो ओबीसी का बड़ा चेहरा केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाना पड़ेगा .
भाजपा को जीत दिलाने में गैर यादव पिछड़ी जातियों को लामबंद होकर वोट देना मुख्य रहा . इसमें अमीत शाह की सोशल इंजीनियरिंग ने पिछड़ी जातियों को जोड़ने के लिए केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस काम की शुरुआत कर दिया था जिसको मायावती ने नही समझ पाई और अखिलेश ने नरेश उत्तम पटेल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर गैर यादव पिछड़ी जाती को साधने की कोशिश किया लेकिन देर से जो सफल नही रहा .
यूपी फतह में बीजेपी का पूरा फोकस अपने पारंपरिक सवर्ण वोट बैंक पर था ही इसके अलावा ओबीसी समुदाय पर है. यूपी में 25 प्रतिशत सवर्ण, 10 प्रतिशत यादव, 26 प्रतिशत ओबीसी और 21 प्रतिशत दलित हैं. बीजेपी ओबीसी और अति पिछड़ों को अपने पाले में लाने में पूरी तरह सफल रही तो इसके पीछे केशव प्रसाद मौर्य का सही समय पर प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना भी मुख्य भूमिका निभाई .
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को जाटों के वोट मिले थे. इस बार भी बीजेपी जाटों का बीजेपी को पूरा समर्थन मिला . जात्म्त्दाता अजित चौधरी को पूरी तरह नकार दिया है . जिसके चलते बीजेपी पश्चमी यूपी में अच्छा प्रदर्शन किया . बीजेपी का सवर्ण वोटों के साथ साथ गैर-यादव और पिछड़े वोटों ने बेहद शानदार प्रदर्शन करने में अहम भूमिका निभाई .
केन्द्रीय नेत्रित्व यानी अमित शाह और मोदी के दिमाग में यह चल रहा होगा की केशव प्रसाद मौर्य की वजह से यूपी में 75 लोकसभा सीट पाया था और भाजपा ने विधान सभा चुनाव में एतिहासिक जीत कैप्टन केशव के नेत्रित्व में जीत हासिल किया तो मुख्यमंत्री का पद केशव प्रसाद मौर्य का बनता है . जिसकी औपचारिक घोषणा करनी सिर्फ बाकी है . जो शाम तक हो जाएगा .