बिहार में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन को लेकर पंचायत राज अधिनियम 2006 में शीघ्र ही संशोधन होगा। इसका प्रस्ताव पंचायती राज विभाग ने कैबिनेट को भेज दिया है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद संशोधन विधेयक विधानमंडल के चालू बजट सत्र में पेश किया जाएगा। यहां से पारित होने के बाद यह संशोधन अधिनियम का हिस्सा बन जाएगा।
मालूम हो कि नए नगर निकायों के बनने से 300 ग्राम पंचायतें पूरी तरह उसका हिस्सा बन गई हैं। वहीं करीब 200 ऐसी पंचायतें हैं, जिनका कुछ ही क्षेत्र नगर निकाय में शामिल हुआ है। सरकार के नए निर्णय के अनुसार शेष बचे क्षेत्र में अगर तीन हजार की आबादी वर्ष 1991 की जनगणना के आधार पर बची हुई है तो पंचायत के रूप में उसका अस्तित्व बरकरार रहेगा। तीन हजार से कम आबादी होने पर उस क्षेत्र को समीप के ग्राम पंचायत में शामिल किया जाएगा। जबकि पंचायत राज अधिनियम 2006 में प्रावधान है कि 1991 की जनगणना के आधार पर ग्राम पंचायतों की आबादी सात हजार के करीब होगी। तीन हजार की आबादी पर भी विशेष परिस्थिति में पंचायत गठन हो सके, इसको लेकर अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। उधर प्रभावित ग्राम पंचायत के पुनर्गठन का काम शुरू भी कर दिया गया है। इसको लेकर जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी किया गया है।