उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर तलवार चलाना शुरू कर दिया है। इसके बाद से राजधानी समेत पूरे राज्य में की जगहों पर मीट कारोबारियों ने हड़ताल कर दी है। इसके परिणामस्वरुप चिकन, मटन और भैसे की मीट को लेकर भारी किल्लत हो गई।
मीट की बिक्री पर अब फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन यानीएफडीए अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि बिना रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस अब कोई भी मीट व्यापारी इसकी बिक्री नहीं कर सकेगा। इस लाइसेंस के लिए एफडीए ने सख्त गाइडलाइन जारी की है। इन गाइड लाइन को पूरा करने के बाद ही मीट की बिक्री का लाइसेंस विभाग से जारी किया जाएगा।
एफडीए ने इसके लिए 12 नियमों का गाइडलाइन जारी की है। इसमें दुकान के साइज से लेकर कच्ची दुकानों में मीट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि मीट बेचना है तो दुकान पक्की करानी होगी। स्थानीय निकाय और क्षेत्रीय थाना पुलिस की एनओसी के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा।
मीट विक्रेता को अपने नाम पते के साथ मीट की खरीदारी या कटान का पूरा ब्योरा एफडीए को उपलब्ध कराना होगा। एफडीए विभाग की यह सख्ती सिर्फ मीट की दुकानों तक सीमित नहीं है, बल्कि मीट के ट्रांसपोटेशन पर भी विभाग की कड़ी नजर है।
पशु कटान के बाद मीट को एक से दूसरी जगह तक ले जाने के लिए भी व्यापारी को एफडीए के मानकों का पालन करना होगा। अब तक गलत तरीके से मीट का ट्रांसपोटेशन किया जाता था। सड़क पर पशुओं का मीट, खून टपकता रहता था। इस पर एनजीटी के आदेश बाद सख्ती से नियम लागू किया गया है कि मीट को पूरी तरह ढंककर सही से ट्रांसपोर्ट किया जाएगा।
इन नियमों का करना होगा पालन
– मीट बिक्री के लिए लेना होगा एफडीए से जारी लाइसेंस
– भैंस व सुअर के लिए क्षेत्रीय थाने की एनओसी लेनी होगी
– नगर निगम की एनओसी लेनी होगी
– पशुओं के कटान से पहले पोस्टमार्टम कराना होगा
– दुकान पक्की हो, मीट को डीप फ्रीजर में रखकर बेचा जाएगा
– पशुओं का कटान दुकान पर नहीं, स्लॉटर हॉउस में होगा