बलिया गंगा नदी में मछली के जाल में फंसा मिला प्रेमी युगल का शव,मच्चा हडकम्प

मछली मारने के लिये गंगा नदी में डाले गये जाल में सोमवार की सुबह युवक-युवती का शव  मिलने पर हड़कम्प मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरु की दोनों की पहचान प्रेमी युगल के रुप में हो गई । खबर पाकर पहुंचे परिजनों की मौजूदगी में पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।

नरहीं थाना क्षेत्र के सिकन्दरपुर के कुछ बच्चों ने मछली फंसाने के लिये कोरंटाडीह डाक बंगला घाट पर गंगा नदी में रविवार की देर शाम को ही जाल डाल दिया।

सोमवार की सुबह करीब छह बजे बच्चे जाल निकालने पहुंचे तो उसमें युवक-युवती का शव फंसा था। एक साथ दो शवों को देख बच्चे दौड़ते हुए गांव में पहुंचे तथा लोगों को इसकी जानकारी दी। ग्राम प्रधान बिहारी यादव ने इस घटना से पुलिस को अवगत कराया। सूचना मिलने के बाद एएसपी विजय पाल सिंह तथा चौकी प्रभारी कोरंटाडीह उमाशंकर त्रिपाठी मौके पर पहुंच गये। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पुलिस ने शव को नदी से बाहर निकलवाया तो दोनों एक ही दुपट्टे से खुद को बांधे हुए थे।

नदी तट पर नीले रंग का बैग था, जिसमें दोनों का एक-एक सेट कपड़ा तथा बगैर सिम कार्ड का मोबाईल मिला। मोबाइल में रखे चिप के सहारे पुलिस ने दोनों की शिनाख्त के प्रयास तेज कर दिये। जल्द ही उनकी पहचान गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के रामचंद्र पासवान व रीना के रूप में हो गयी। पुलिस की सूचना पर रामचंद्र का भाई दीनानाथ व रीना के पिता बृजनाथ राम घाट पर पहुंच गये थे। चिप में भरे गये गाने के सहारे पहचान भरौली। मछली मारने के लिये गंगा नदी में डाले गये जाल में युवक-युवती का शव मिलने के बाद से ही लोग प्रेमी युगल होने की आशंका जाहिर कर रहे थे।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद आसपास के लोगों से शिनाख्त कराने का भी प्रयास किया, हालांकि सफलता नहीं मिल सकी। पुलिस ने मोबाइल को चेक किया तो उसमें मेमोरी कार्ड मिला। जांच हुई तो मेमारी कार्ड में एक गाना मिला। इस चिप में मांचा के जिस दुकान से गाना भरवाया गया था, उसका नाम मिल गया। इसके आधार पर पुलिस ने भांवरकोल पुलिस से सम्पर्क किया तो दोनों की पहचान हो गयी। मछली मारने के लिये गंगा नदी में डाले गये जाल में युवक-युवती का शव फंसा मिला। मोबाइल में लगे मेमोरी कार्ड के जरिये उनकी पहचान हो गयी। दोनों प्रेमी युगल थे तथा वे दो दिनों से घर से गायब थे। विजय पाल सिंह, एएसपी

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