बजट 2021: केंद्र सरकार के झोले से बढ़ीं बिहार की उम्मीदें, सबके लिए पिटारा खुलने की आस

वित्तमंत्री आज देश का बजट पेश करने जा रहीं हैं। देश के बजट में बिहार भी होगा। सभी क्षेत्रों के विकास व सभी क्षेत्रों को बूम देने के लिहाज से सरकार की विशेष तैयारी की घोषणा होगी। इसको लेकर घरेलू महिलाओं से लेकर महिला उद्यमी, अधिवक्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट से लेकर सभी वर्ग के लोग उम्मीदें पाले बैठे हैं। 

घरेलू महिलाओं की नजर में बजट में महंगाई, समानता, रोजगार मुख्य मुद्दा है तो रोजगार के लिहाज से आयकर के स्लैब पर सबकी नजरें टिकी होंगी। चार्टर्ड अकाउंटेंट को कोरोना का असर बजट में दिखने की उम्मीद है तो बाकी लोग भी अपने क्षेत्र के बेहतरी की आस में हैं। महिलाओं को वेतन असमानता दूर करने की दिशा में घोषणा की उम्मीद है। पे स्केल की निगरानी के लिए वैधानिक निकाय और शिकायत बोर्ड की स्थापना की बात महिलाओं के जेहन में है। कामकाजी महिलाओं को पीरियड्स के दौरान एक दिन की छुट्टी की घोषणा की उम्मीद भी है। वहीं, किसानों के आय को बढ़ाने व फसल के उचित मूल्य दिलाने की दिशा में भी लोग पहल की संभावना जता रहे हैं। 

कार्यक्षेत्र में महिलाओं को सुरक्षा हर हाल में मुहैया हो। आर्थिक बजट में सरकार को एक नई प्रणाली लानी चाहिए, जिसमें किसी भी संस्थान में काम करने वाली सभी महिलाओं को उनके पदनाम के बावजूद पिक एंड ड्रॉप की सुविधा मिले। संस्थान उनके आने एवं जाने के लिए संसाधन दे ताकि सुरक्षा की दृष्टिकोण से महिलाओं का काम पर जाना सुगम हो सके। इससे महिला सशक्तीकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए अधिक से अधिक महिलाएं काम करने बाहर निकलेंगी। महिला व पुरुष के समान कार्य व समान पद पर सभी संस्थानों में पे स्केल बराबर किया जाए।

पिछले बजट का भी बहुत सारा प्रोविजन कोरोना के कारण इंप्लीमेंट नहीं हो सका था। मुझे लगता है कि इस बजट में पुराने बजट के प्रावधान को भी ध्यान में रखकर बनाया गया होगा। हम इनकम टैक्स स्लैब को लेकर कोई उम्मीद नहीं कर सकते क्योंकि कोरोना काल में सरकार का वित्तीय घाटा ऐसे ही बढ़ा हुआ है। बिहार के संदर्भ में हमें लगता है कि जिस तरह के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है, जो कि कोरोना काल में दिखी। इस पर केंद्र सरकार द्वारा बजट में प्रावधान किया जा सकता है।

गृहिणी के रूप में मेरी उम्मीद है कि महंगाई से राहत मिले। वर्तमान समय में घरेलू गैस सिलेंडर और खाद्यान्न सामग्री की कीमतों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इससे गृहणियों की कमर टूट रही है। साथ ही महिला को उद्योग शुरू करने के लिए प्रोत्साहन पैकेज के साथ साथ टैक्स में अतिरिक्त छूट देना बहतर परिणाम देगा। औधोगिक क्षेत्रों में रियायत दर पर जमीन एवं बिजली, उद्योग स्थापित करने में सब्सिडी का पैमाना बढ़ाकर राहत दी जा सकती है। रोजगार, शिक्षा व सुरक्षा पर विशेष बल हो।

किचेन में महंगाई के बढ़ने से घर चलाने में परेशानी आ रही है। पेट्रोल और रसोई गैस के अलावा किचेन की सामग्री महंगी हो गई है। सरकार को चाहिए कि बजट में आम आदमी को राहत देने की घोषणा करे। वहीं, गृहिणियों को भी आगे बढ़ाने के लिए सरकार पहल करे। ट्रेनिंग सेंटर खुलवाकर इस दिशा में महिलाओं को दक्ष किया जा सकता है।

महिला उद्यमी के रूप में हमारी चाहत है कि गारमेंट इंडस्ट्री में जीएसटी के स्लैब को घटाया जाए। अभी 1000 रुपए से नीचे के कपड़ों पर पांच फीसदी जीएसटी है, वहीं एक हजार से अधिक के कपड़ों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी है। मेरे विचार से 1000 से अधिक के गारमेंट के कपड़ों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच फीसदी किया जाए। साथ ही कोरोना काल में उद्यमियों के सीसी लोन पर ब्याज में माफी देने की जरूरत है।

आज देश का बजट पेश होगा। ऐसे में बजट में पूरे देश के भलाई व कल्याण का समावेश होना चाहिए। मेरे विचार से बजट में हर उस तबके को ध्यान में रखने की आवश्यकता है जो वंचित हैं। खासकर उन परिस्थितयों पर भी सरकार ध्यान दे, जिनकी वजह से लोग वंचित हो रहे हैं। बिहार जैसे राज्य को आगे बढ़ाने के लिए विशेष पैकेज देकर दूसरे राज्यों की श्रेणी में लाने की जरूरत है। 

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